मेरी विनती सुनो हनुमान,
शरण तेरी आया हूँ,
आया हूँ जी आया हूँ,
शरण तेरी मैं आया हूँ,
पत रखना दयानिधान,
शरण तेरी आया हूँ,
मेरी विनती सुनों हनुमान,
शरण तेरी आया हूँ ॥
तुम बलबुद्धि के दाता हो,
तुम मेरे भाग्य विधाता हो,
तुम सकल गुणों की खान,
शरण तेरी आया हूँ,
मेरी विनती सुनों हनुमान,
शरण तेरी आया हूँ ॥
तुम संकट मोचन कारी हो,
बाबा शिव शंकर अवतारी हो,
तुम सा ना कोई बलवान,
शरण तेरी आया हूँ,
मेरी विनती सुनों हनुमान,
शरण तेरी आया हूँ ॥
तेरी हर घर में होती पूजा,
कोई और नहीं तुमसे दूजा,
रखते हो सबका मान,
शरण तेरी आया हूँ,
मेरी विनती सुनों हनुमान,
शरण तेरी आया हूँ ॥
बस मुझको भरोसा तेरा है,
बाबा कोई नहीं यहाँ मेरा है,
तेरा ‘भीमसेन’ नादान,
शरण तेरी आया हूँ,
मेरी विनती सुनों हनुमान,
शरण तेरी आया हूँ ॥
मेरी विनती सुनो हनुमान,
शरण तेरी आया हूँ,
आया हूँ जी आया हूँ,
शरण तेरी मैं आया हूँ,
पत रखना दयानिधान,
शरण तेरी आया हूँ,
मेरी विनती सुनों हनुमान,
शरण तेरी आया हूँ ॥
मढ़िया में जाके बोए जवारे,
ऊंची पहड़िया में गाड़ दियो झंडा।
मेरे नैनों की प्यास बुझा दे
माँ, तू मुझे दर्शन दे (माँ, तू मुझे दर्शन दे)
हो, लाली मेरी मात की, जित देखूँ तित लाल
लाली देखन मैं गया, मैं भी हो ग्या लाल
सदा पापी से पापी को भी तुम, माँ, भव-सिंधु तारी हो फँसी मझधार में नैय्या को भी पल में उबारी हो