म्हारा खाटू वाला श्याम,
ओ म्हारा लीले वाला श्याम,
सिद्ध श्री शुभ ओपमा थाने,
पावा ढोक प्रणाम जी,
समाचार एक पंच जो थासु,
बहुत जरुरी काम जी,
म्हारा खाटु वाला श्याम,
ओ म्हारा लीले वाला श्याम ॥
घणा मान स्यु लिख्यो आज थारो,
उत्सव एक मनाणो है,
थोड़ो लिख्यो घणो समझोगा,
थाने निश्चय आणो है,
म्हारा खाटु वाला श्याम,
ओ म्हारा लीले वाला श्याम ॥
सगळा साथ मिल घणा चाव स्यु,
नित की मंगल गावे है,
और बात सब ठीक ठाक पर,
थारी याद सतावे है,
म्हारा खाटु वाला श्याम,
ओ म्हारा लीले वाला श्याम ॥
सेवक थारा घणा उनमना,
था बिन बहुत उदास जी,
जी में हो तो करो कलेवा,
आकर म्हारे पास जी,
म्हारा खाटु वाला श्याम,
ओ म्हारा लीले वाला श्याम ॥
भूल चूक सब माफ़ करो,
म्हणे बैगा दर्शन दीजो जी,
दास बिहारी के नैणा में,
हरदम बैठ्या रीझो जी,
म्हारा खाटु वाला श्याम,
ओ म्हारा लीले वाला श्याम ॥
म्हारा खाटू वाला श्याम,
ओ म्हारा लीले वाला श्याम,
सिद्ध श्री शुभ ओपमा थाने,
पावा ढोक प्रणाम जी,
समाचार एक पंच जो थासु,
बहुत जरुरी काम जी,
म्हारा खाटु वाला श्याम,
ओ म्हारा लीले वाला श्याम ॥
पंचांग के अनुसार फाल्गुना माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि है। वहीं आज मंगलवार का दिन है। इस तिथि पर भरणी नक्षत्र और इंद्र योग का संयोग बन रहा है। वहीं चंद्रमा मेष राशि में संचार कर रहे हैं और सूर्य कुंभ राशि में मौजूद हैं।
चांग के अनुसार फाल्गुना माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी और सप्तमी तिथि है। वहीं आज बुधवार का दिन है। इस तिथि पर कृत्तिका नक्षत्र और विष्कुम्भ योग का संयोग बन रहा है। वहीं चंद्रमा वृषभ राशि में संचार कर रहे हैं और सूर्य कुंभ राशि में मौजूद हैं।
पंचांग के अनुसार फाल्गुना माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि है। वहीं आज गुरुवार का दिन है। इस तिथि पर रोहिणी नक्षत्र और विष्कुम्भ योग का संयोग बन रहा है। वहीं चंद्रमा वृषभ राशि में संचार कर रहे हैं और सूर्य कुंभ राशि में मौजूद हैं।
हिंदू धर्म में पांच विशेष दिन माने गए हैं जिन्हें अबुझ मुहूर्त कहा जाता है। इन दिनों में कोई भी शुभ कार्य बिना शुभ मुहूर्त देखे किया जा सकता है। हिंदू धर्म में शुभ मुहूर्त का बहुत महत्व है। खासकर विवाह जैसे मांगलिक कार्यों के लिए।