ओ राही रुक जाना, जहाँ चितचोर बसे, उस राह पे मत जाना (O Rahi Ruk Jana Jaha Chitchor Base Us Raah Pe Mat Jana)

ओ राही रुक जाना,

जहाँ चितचोर बसे,

उस राह पे मत जाना ॥


मोहन बड़ा छलिया है,

मोहन बड़ा छलिया है,

सर पे मोर मुकुट,

हाथों में मुरलिया है,

ओ राहीं रुक जाना,

जहाँ चितचोर बसे,

उस राह पे मत जाना ॥


तेरा धन नहीं लूटेगा,

तेरा धन नहीं लूटेगा,

तिरछी नजरिया से,

तेरे मन को लूटेगा,

ओ राहीं रुक जाना,

जहाँ चितचोर बसे,

उस राह पे मत जाना ॥


सुन ले पछताएगा,

सुन ले पछताएगा,

उसके पास गया,

फिर लौट ना आएगा,

ओ राहीं रुक जाना,

जहाँ चितचोर बसे,

उस राह पे मत जाना ॥


वो मुरली बजाएगा,

वो मुरली बजाएगा,

मीठी मीठी तानों से,

तेरे चित को चुराएगा,

ओ राहीं रुक जाना,

जहाँ चितचोर बसे,

उस राह पे मत जाना ॥


ओ राही रुक जाना,

जहाँ चितचोर बसे,

उस राह पे मत जाना ॥

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वामन जयंती 2024: राजा बलि को सबक सिखाने के लिए भगवान विष्णु ने लिया था वामन अवतार, भाद्रपद की द्वादशी तिथि को हुआ था जन्म

हिंदू धर्म में भगवान विष्णु त्रिदेवों में प्रमुख और सृष्टी के संचालक या पालनहार के रूप में पूजे जाते हैं।

भवसागर तारण कारण हे (Bhava Sagara Tarana Karana He)

भवसागर तारण कारण हे ।
रविनन्दन बन्धन खण्डन हे ॥

मेरी विपदा टाल दो आकर (Meri Vipda Taal Do Aakar)

मेरी विपदा टाल दो आकर,
हे जग जननी माता ॥

सतगुरु मैं तेरी पतंग(Satguru Main Teri Patang)

सतगुरु मैं तेरी पतंग,
बाबा मैं तेरी पतंग,

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