Logo

राधा रानी को भयो अवतार बधाई बाज रही(Radha Rani Ko Nhayo Avtar)

राधा रानी को भयो अवतार बधाई बाज रही(Radha Rani Ko Nhayo Avtar)

राधा रानी को भयो अवतार,

बधाई बाज रही,

ऐ जी हाँ बधाई बाज रही,

ऐ री हाँ बधाई बाज रही,

चलो रे चलो रे भानु के द्वार,

बधाई बाज रही ॥


बरसाने में बजत बधाई,

प्रकटी श्री श्यामा सुखदाई,

आई रसिकन की प्राणाधार,

बधाई बाज रही,

राधे रानी को भयो अवतार ॥


लूट रहे हीरे मोतिन माला,

आज मिलेंगे शाल दुशाला,

सखी गाई रही मंगलाचार,

बधाई बाज रही,

राधा रानी को भयो अवतार ॥


जुग जुग जियो राधा प्यारी,

जय जय भानुकुल उजियारी,

छाई ब्रज खुशी अपार,

बधाई बाज रही,

राधे रानी को भयो अवतार ॥


चित्र विचित्र जब सुनी रे खबरिया,

आये पकड़ पागल की उंगलिया,

राधा रानी पे जाये बलिहार,

बधाई बाज रही,

राधे रानी को भयो अवतार ॥


राधा रानी को भयो अवतार,

बधाई बाज रही,

ऐ जी हाँ बधाई बाज रही,

ऐ री हाँ बधाई बाज रही,

चलो रे चलो रे भानु के द्वार,

बधाई बाज रही ॥

........................................................................................................
गुरुवायुर एकादशी मंदिर की पौराणिक कथा

"दक्षिण का स्वर्ग" कहे जाने वाले अतिसुन्दर राज्य केरल में गुरुवायुर एकादशी का पर्व पूरी आस्था के साथ मनाया जाता है। यह पर्व गुरुवायुर कृष्ण मंदिर में विशेष रूप से मनाया जाता है, जो भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है।

मत्स्य द्वादशी पर कैसे करें विष्णु पूजा

त्स्य द्वादशी पर सही तरीके से पूजा करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और वे प्रसन्न होते हैं। इससे जीवन में सुख-समृद्धि, शांति और आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति होती है।

क्यों मनाई जाती है मत्स्य द्वादशी?

मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मनाई जाने वाली मत्स्य द्वादशी भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार की जयंती के रूप में मनाई जाती है।

मत्स्य द्वादशी कब है

भगवान विष्णु के 24 अवतारों में से एक मत्स्य अवतार की जयंती के रूप में मनाया जाने वाला मत्स्य द्वादशी पर्व इस साल दिसंबर में मनाया जाएगा। यह पर्व मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मनाया जाता है ।

यह भी जाने

संबंधित लेख

HomeBook PoojaBook PoojaTempleTempleKundliKundliPanchangPanchang