राधा रानी को भयो अवतार,
बधाई बाज रही,
ऐ जी हाँ बधाई बाज रही,
ऐ री हाँ बधाई बाज रही,
चलो रे चलो रे भानु के द्वार,
बधाई बाज रही ॥
बरसाने में बजत बधाई,
प्रकटी श्री श्यामा सुखदाई,
आई रसिकन की प्राणाधार,
बधाई बाज रही,
राधे रानी को भयो अवतार ॥
लूट रहे हीरे मोतिन माला,
आज मिलेंगे शाल दुशाला,
सखी गाई रही मंगलाचार,
बधाई बाज रही,
राधा रानी को भयो अवतार ॥
जुग जुग जियो राधा प्यारी,
जय जय भानुकुल उजियारी,
छाई ब्रज खुशी अपार,
बधाई बाज रही,
राधे रानी को भयो अवतार ॥
चित्र विचित्र जब सुनी रे खबरिया,
आये पकड़ पागल की उंगलिया,
राधा रानी पे जाये बलिहार,
बधाई बाज रही,
राधे रानी को भयो अवतार ॥
राधा रानी को भयो अवतार,
बधाई बाज रही,
ऐ जी हाँ बधाई बाज रही,
ऐ री हाँ बधाई बाज रही,
चलो रे चलो रे भानु के द्वार,
बधाई बाज रही ॥
भगवती महालक्ष्मी चल एवं अचल, दृश्य एवं अदृश्य सभी सम्पत्तियों, सिद्धियों एवं निधियों की अधिष्ठात्री साक्षात् नारायणी हैं।
बारम्बार प्रणाम, मैया बारम्बार प्रणाम।
जो नहीं ध्यावे तुम्हें अम्बिके,कहां उसे विश्राम।
आरती प्रियाकांत जु की , सुखाकर भक्त वृन्द हु की |
जगत में कीर्तिमयी माला , सुखी सुन सूजन गोपी ग्वाला |
आरती अतिपावन पुराण की,
धर्म भक्ति विज्ञान खान की,