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राधा का चितचोर कन्हैया (Radha Ka Chitchor Kanhaiya)

राधा का चितचोर कन्हैया (Radha Ka Chitchor Kanhaiya)

राधा का चितचोर कन्हैया,

दाऊजी का नटखट भैया,

कुञ्ज गलिन का रास रचैया,

भा गया हमें भा गया,

भा गया हमें भा गया ॥


मोर मुकुट मोतियन की माला,

ऐसा प्यारा रूप निराला,

कारी कारी अखियां कारी,

होंठों की लाली मतवाली,

पित वसन पीताम्बर धारी,

भा गया हमें भा गया,

भा गया हमें भा गया ॥


किस प्रेमी ने इसे सजाया,

केसर चन्दन इतर लगाया,

बांकी बांकी चितवन प्यारी,

कर में मुरली जादूगारी,

कानुड़ा गोवर्धन धारी,

भा गया हमें भा गया,

भा गया हमें भा गया ॥


नैनो से बातें ये करता,

कभी मचलता कभी मटकता,

जब देखूं हँसता ही जाए,

प्रीत के तीर चलाता जाए,

मेरा जी ललचाता जाए,

भा गया हमें भा गया,

भा गया हमें भा गया ॥


माखन मिश्री बेगा ल्याओ,

कानुड़ा का जी ललचाओ,

सारा चट मत ना कर जाना,

‘नंदू’ कुछ हमको दे जाना,

तेरा मेरा प्यार पुराना,

भा गया हमें भा गया,

भा गया हमें भा गया ॥


राधा का चितचोर कन्हैया,

दाऊजी का नटखट भैया,

कुञ्ज गलिन का रास रचैया,

भा गया हमें भा गया,

भा गया हमें भा गया ॥

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नवरात्रि कलश स्थापना नियम

हर साल चैत्र नवरात्रि चैत्र माह की शुक्ल प्रतिपदा तिथि से शुरू होती है। साल 2025 में चैत्र नवरात्रि 30 मार्च, रविवार से शुरू हो रही है। नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना की जाती है, जिसका विशेष महत्व माना जाता है।

चैत्र नवरात्रि कलश स्थापना मुहूर्त

नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना की परंपरा सदियों से चली आ रही है। कहा जाता है कि जहां शुभ मुहूर्त में घटस्थापना की जाती है, वहां मां दुर्गा की कृपा हमेशा बनी रहती है और संकटों के बादल कभी नहीं मंडराते, ऐसी मान्यता है।

चैत्र नवरात्रि घटस्थापना विशेष मुहूर्त

चैत्र नवरात्रि 30 मार्च से शुरू हो रही है और 6 अप्रैल को समाप्त होगी। यानी नवरात्रि में घटस्थापना 30 मार्च और रामनवमी 6 अप्रैल को होगी। नवरात्रि इस बार रविवार से शुरू होगी, इसलिए इस बार मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आएंगी।

मां दुर्गा की सवारी कैसे तय होती है

साल 2025 में चैत्र नवरात्रि 30 मार्च, रविवार से शुरू हो रही है। हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि का बहुत महत्व है। चैत्र मास हिंदू नववर्ष का पहला महीना होता है। चैत्र नवरात्रि में देवी दुर्गा की पूजा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और नौ दुर्गाओं का आशीर्वाद बना रहता है।

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