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राधे राधे जपा करो(Radhe Radhe Japa Karo)

राधे राधे जपा करो(Radhe Radhe Japa Karo)

राधे राधे जपा करो,

कृष्ण नाम रस पिया करो,

राधे राधे जपा करों,

कृष्ण नाम रस पिया करो ॥


राधा देगी तुमको शक्ति,

मिलेगी तुमको कृष्ण की भक्ति,

मिलेगी तुमको कृष्ण की भक्ति,

राधे, कृपा दृष्टि बरसाया करो,

राधे राधे जपा करों,

कृष्ण नाम रस पिया करो ॥


राधा रानी है महारानी,

महिमा उनकी सब जग जानी,

महिमा उनकी सब जग जानी,

राधे, चरणों में प्रीती किया करो,

राधे राधे जपा करों,

कृष्ण नाम रस पिया करो ॥


भोली भाली सीधी सादी,

वो है सबसे न्यारी न्यारी,

वो है सबसे न्यारी न्यारी,

राधे, चरणों में शीश झुकाया करो,

राधे राधे जपा करों,

कृष्ण नाम रस पिया करो ॥


राधे जू मैं शरण तिहारी,

तुम्हरी कृपा से मिले बिहारी,

तुम्हरी कृपा से मिले बिहारी,

राधे, राधे शरण में जाया करो,

राधे राधे जपा करों,

कृष्ण नाम रस पिया करो ॥


ब्रज मंडल में गूंज है राधे,

कृष्ण की वो है प्राण आराधे,

कृष्ण की वो है प्राण आराधे,

ऐसी, युगल छवि पे बलि जाया करो,

राधे राधे जपा करों,

कृष्ण नाम रस पिया करो ॥


राधे राधे जपा करो,

कृष्ण नाम रस पिया करो,

राधे राधे जपा करों,

कृष्ण नाम रस पिया करो ॥

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पुरूषों से कैसे अलग है महिला नागा साधुओं का पहनावा

भारतीय संस्कृति और अध्यात्म के सबसे बड़ा पर्व महाकुंभ की शुरुआत हो चुकी है। दुनिया भर से करोड़ों श्रद्धालु और साधु-संत प्रयाग के संगम तट पर डुबकी लगाने के लिए पहुंच रहे हैं। हालांकि इस आयोजन का एक मुख्य आकर्षण नागा साधुओं और साध्वियों की उपस्थिति है, जिनकी जीवनशैली हमेशा चर्चा का विषय रहती है।

कौन होती हैं महिला नागा साधु

मकर संक्राति पर 14 जनवरी को महाकुंभ का पहला अमृत (शाही) स्नान हुआ। इस दौरान 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई। शाही स्नान सुबह 6 बजे शुरू हुआ और शाम 6 बजे खत्म हुआ। इस दौरान 13 अखाड़े के साधु संतों ने संगम में डुबकी लगाई।

जनवरी में शादी के 10 शुभ मुहूर्त

हिंदू धर्म में खरमास का विशेष महत्व है। यह वह अवधि होती है जब सूर्य देव धनु राशि में प्रवेश करते हैं और गुरु ग्रह के साथ युति बनाते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस अवधि में सूर्य और गुरु दोनों ही प्रभावहीन हो जाते हैं जिसके कारण शुभ कार्यों पर रोक लग जाती है।

2025 में कब-कब पड़ेगा संकष्टी चतुर्थी व्रत?

संकष्टी चतुर्थी व्रत जिसे संकट हारा या सकट चौथ के नाम से भी जाना जाता है एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है। इसे भगवान गणेश की आराधना और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए मनाया जाता है।

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