राधे राधे जपा करो,
कृष्ण नाम रस पिया करो,
राधे राधे जपा करों,
कृष्ण नाम रस पिया करो ॥
राधा देगी तुमको शक्ति,
मिलेगी तुमको कृष्ण की भक्ति,
मिलेगी तुमको कृष्ण की भक्ति,
राधे, कृपा दृष्टि बरसाया करो,
राधे राधे जपा करों,
कृष्ण नाम रस पिया करो ॥
राधा रानी है महारानी,
महिमा उनकी सब जग जानी,
महिमा उनकी सब जग जानी,
राधे, चरणों में प्रीती किया करो,
राधे राधे जपा करों,
कृष्ण नाम रस पिया करो ॥
भोली भाली सीधी सादी,
वो है सबसे न्यारी न्यारी,
वो है सबसे न्यारी न्यारी,
राधे, चरणों में शीश झुकाया करो,
राधे राधे जपा करों,
कृष्ण नाम रस पिया करो ॥
राधे जू मैं शरण तिहारी,
तुम्हरी कृपा से मिले बिहारी,
तुम्हरी कृपा से मिले बिहारी,
राधे, राधे शरण में जाया करो,
राधे राधे जपा करों,
कृष्ण नाम रस पिया करो ॥
ब्रज मंडल में गूंज है राधे,
कृष्ण की वो है प्राण आराधे,
कृष्ण की वो है प्राण आराधे,
ऐसी, युगल छवि पे बलि जाया करो,
राधे राधे जपा करों,
कृष्ण नाम रस पिया करो ॥
राधे राधे जपा करो,
कृष्ण नाम रस पिया करो,
राधे राधे जपा करों,
कृष्ण नाम रस पिया करो ॥
राम नवमी हिन्दू धर्म में एक अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को प्रभ श्रीराम के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है।
भगवान विष्णु को समर्पित पवित्र वामन द्वादशी वर्ष में दो बार मनाई जाती है। एक बार चैत्र मास की शुक्ल द्वादशी तिथि को, तथा दूसरी बार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को।
वामन देव की पूजा का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। भगवान वामन को श्री हरि का स्वरूप कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन विधिवत पूजा करने से व्यक्ति को सभी कष्टों से मुक्ति मिल जाती है।
वामन द्वादशी का दिन बहुत ही शुभ माना जाता है। यह पर्व हर साल दो बार मनाया जाता है। एक चैत्र मास की द्वादशी तिथि को और दूसरा भाद्रपद मास की द्वादशी तिथि को।