तुझसा दयालु नहीं प्यारे,
प्यारे प्यारे प्यारे ॥
श्रुति कहे जगत पिता है तू ही प्यारे,
बन्यो यशोमति सूत प्यारे,
प्यारे प्यारे प्यारे,
तुझसा दयालु नही प्यारे,
प्यारे प्यारे प्यारे ॥
अंगूठा छाप सखन को प्यारे,
बन गयो घोड़ा प्यारे,
प्यारे प्यारे प्यारे,
तुझसा दयालु नही प्यारे,
प्यारे प्यारे प्यारे ॥
गोपिन ने तू छाछ पर प्यारे,
नाचे थई थई प्यारे,
प्यारे प्यारे प्यारे,
तुझसा दयालु नही प्यारे,
प्यारे प्यारे प्यारे ॥
तुम कृपालु प्रेमिन वश प्यारे,
अब हूँ जान्यो प्यारे,
प्यारे प्यारे प्यारे,
तुझसा दयालु नही प्यारे,
प्यारे प्यारे प्यारे ॥
बाल गोपाला, बाल गोपाला,
प्यारे मुरारी मोरे नन्द लाला ।
बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे,
कोई सोना की जो होती,
बाबा बैद्यनाथ हम आयल छी भिखरिया,
अहाँ के दुअरिया ना,
बाबा का दरबार सुहाना लगता है,
भक्तों का तो दिल दीवाना लगता है ॥