मैया मोरी मैं नहिं माखन खायो (Maiya Mori Mai Nahi Makhan Khayo)

मैया मोरी मैं नहिं माखन खायो ।


भोर भयो गैयन के पाछे,

मधुवन मोहिं पठायो ।

चार पहर बंसीबट भटक्यो,

साँझ परे घर आयो ॥


मैं बालक बहिंयन को छोटो,

छींको किहि बिधि पायो ।

ग्वाल बाल सब बैर परे हैं,

बरबस मुख लपटायो ॥


तू जननी मन की अति भोरी,

इनके कहे पतिआयो ।

जिय तेरे कछु भेद उपजि है,

जानि परायो जायो ॥


यह लै अपनी लकुटि कमरिया,

बहुतहिं नाच नचायो ।

सूरदास तब बिहँसि जसोदा,

लै उर कंठ लगायो ॥

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राजा राम जी की आरती उतारू रे सखी (Sita Ram Ji Ke Aarti Utaru Ae Sakhi)

सीता राम जी के आरती उतारूँ ए सखी
केकरा के राम बबुआ केकरा के लछुमन

मार्गशीर्ष कृष्ण जन्माष्टमी पूजा विधि और भोग

वैदिक पंचाग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह में कृष्ण जन्माष्टमी आज यानी 22 नवंबर 2024 को मनाई जा रही है। मासिक कृष्ण जन्माष्टमी भगवान श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त करने और जीवन के दुखों को दूर करने का श्रेष्ठ अवसर है।

हे शिव भोले भंडारी(Hey Shiv Bhole Bhandari)

हे शिव भोले भंडारी,
मैं आया शरण तिहारी,

भगवान श्री चित्रगुप्त जी की आरती (Bhagwan Shri Chitragupta Ji Ki Aarti)

ॐ जय चित्रगुप्त हरे, स्वामी जय चित्रगुप्त हरे ।
भक्तजनों के इच्छित, फलको पूर्ण करे॥

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