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मंदिर से बाहर निकलते समय घंटी क्यों नहीं बजानी चाहिए?

मंदिर से बाहर निकलते समय घंटी क्यों नहीं बजानी चाहिए?

मंदिर से निकलते समय भूलकर भी न बजाएं घंटी, खंडित हो सकती है पूजा


मंदिर में प्रवेश करते समय घंटी बजाना एक ऐसा रिवाज है जो सदियों से चला आ रहा है। यह परंपरा न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है बल्कि इसके पीछे वैज्ञानिक कारण भी बताए गए हैं।

घंटी की मधुर ध्वनि न केवल भगवान को प्रसन्न करती है बल्कि हमारे मन को भी शांत करती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, घंटी की ध्वनि नकारात्मक ऊर्जा को दूर भगाती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, मंदिर की घंटी सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक होती है। जब हम मंदिर में प्रवेश करते हैं, तो घंटी की ध्वनि नकारात्मक ऊर्जा को दूर भगाती है और सकारात्मक वातावरण बनाती है। 

यही कारण है कि हम सभी मंदिर में प्रवेश करते समय घंटी बजाते हैं। अब ऐसे में मंदिर से बाहर निकलते समय घंटी क्यों नहीं बजानी चाहिए। इसके बारे में भक्त वत्सल के इस लेख में विस्तार से जानते हैं। 

मंदिर में घंटी क्यों बजाते हैं?


ध्वनि एक तरह की ऊर्जा है और मंदिर की घंटी की आवाज़ में एक खास तरह की शक्ति होती है। जब हम घंटी बजाते हैं, तो यह न केवल हमारे आसपास के वातावरण को शुद्ध करती है, बल्कि हमारे मन को भी शांत और सकारात्मक बनाती है। वास्तु शास्त्र और स्कंद पुराण के अनुसार, घंटी की आवाज़ 'ॐ' की आवाज़ से मिलती-जुलती है, जो ब्रह्मांड की सबसे पवित्र ध्वनि मानी जाती है। इसके अलावा, वैज्ञानिकों ने भी पाया है कि घंटी की आवाज़ हवा में मौजूद हानिकारक जीवाणुओं को नष्ट कर देती है।

मंदिर से निकलते समय क्यों नहीं बजाना चाहिए घंटी?


जब हम मंदिर जाते हैं, तो हमारे मन में कई तरह के विचार आते हैं। शास्त्रों का मानना है कि मंदिर में प्रवेश करते समय घंटी बजाने से ये नकारात्मक विचार दूर होते हैं और मन शांत होता है। लेकिन मंदिर से निकलते समय घंटी बजाने से यह शांति भंग हो जाती है और सकारात्मक ऊर्जा नष्ट हो सकती है। इसलिए मंदिर से बाहर निकलते समय घंटी नहीं बजानी चाहिए।

मंदिर में घंटी बजाने के दौरान क्या बोलना चाहिए?


  • मंदिर में घंटी बजाते समय, आमतौर पर कोई विशेष मंत्र का जाप किया जाता है। यह मंत्र अलग-अलग परंपराओं और देवताओं के अनुसार भिन्न हो सकता है। 
  • ऊं -  यह सबसे सरल और शक्तिशाली मंत्र है। इसे सभी देवताओं को समर्पित किया जा सकता है।
  • आगमार्थं तु देवानां गमनार्थं तु रक्षसाम् । घण्टारवं करोम्यादौ देवताह्वान लाञ्छनम् ॥
  • ऊं नमः शिवाय:
  • ऊं नमो नारायण: 
  • आप मंदिर में घंटी बजाने के दौरान किसी भी मंत्र का जाप कर सकते हैं। 

शास्त्र में मंदिर में घंटी बजाने के बारे में


मंदिरों में घंटी बजाने की परंपरा सदियों पुरानी है। इसे सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान ही नहीं, बल्कि एक गहन आध्यात्मिक प्रक्रिया भी माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि घंटी की ध्वनि देवी-देवताओं को जागृत करती है और उनकी ओर ध्यान आकर्षित करती है। पुराणों के अनुसार, घंटी की ध्वनि कई जन्मों के पापों को नष्ट करने में सक्षम होती है। घंटी की ध्वनि तरंगें मस्तिष्क पर सकारात्मक प्रभाव डालती हैं और तनाव को कम करती हैं। घंटी की ध्वनि नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट करती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है।

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