Hanuman Jayanti Rashifal 2025: 100 साल बाद बन रहा दुर्लभ संयोग, इस बार की हनुमान जयंती 7 राशियों के लिए लाएगी सौगातें
इस बार की हनुमान जयंती बेहद खास रहने वाली है। पंचांग के अनुसार, यह पर्व चैत्र शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन व्रत-उपवास रखने और सच्चे मन से हनुमान जी की आराधना करने से मनोकामनाएं शीघ्र पूरी होती हैं।
लेकिन इस बार यह पर्व सिर्फ धार्मिक रूप से नहीं, ज्योतिषीय दृष्टिकोण से भी विशेष है। दरअसल, 12 अप्रैल को 100 साल बाद एक दुर्लभ ग्रह योग बन रहा है।
बुधादित्य योग और लक्ष्मी नारायण योग एक साथ
इस दिन सूर्य और बुध की युति से बुधादित्य योग और शुक्र-बुध की युति से लक्ष्मी नारायण योग का निर्माण होगा।
दोनों योग मीन राशि में बनेंगे। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इन योगों का सीधा लाभ 7 राशियों को मिल सकता है।
1. मेष राशि
- करियर और व्यापार में नई शुरुआत के योग।
- लंबे समय से पहचान का इंतजार कर रहे लोगों को उपलब्धि मिलेगी।
- नया बिजनेस शुरू करना चाहें तो समय अनुकूल है।
- पुराने विवादों का समाधान संभव।
2. वृषभ राशि
- आर्थिक मामलों में बड़ा लाभ मिलने की संभावना।
- व्यापार में सफलता और निवेश के लिए उत्तम समय।
- नौकरी में नई जिम्मेदारियां और पदोन्नति के योग।
3. कर्क राशि
- पारिवारिक जीवन में आनंद और सामंजस्य।
- बिजनेस में तेजी से उन्नति के संकेत।
- दांपत्य जीवन में प्रेम बढ़ेगा, प्रेम विवाह के योग बन सकते हैं।
- प्रॉपर्टी से लाभ के आसार।
4. सिंह राशि
- आत्मबल में इजाफा होगा।
- नेतृत्व के क्षेत्र (राजनीति, प्रशासन आदि) में मान-सम्मान बढ़ेगा।
- परिवार और समाज में महत्व और प्रभाव में वृद्धि।
5. कन्या राशि
- खुशखबरी मिलने के प्रबल संकेत।
- नौकरीपेशा लोगों को प्रमोशन या ट्रांसफर की सूचना मिल सकती है।
- कोर्ट-कचहरी से जुड़े मामलों में निर्णय पक्ष में आ सकता है।
- प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता के योग।
6. तुला राशि
- जीवन में संतुलन और सुंदरता बढ़ेगी।
- क्रिएटिव क्षेत्रों (कला, फैशन, मीडिया) में नई पहचान बनेगी।
- प्रेम संबंधों में मजबूती और मानसिक शांति का अनुभव होगा।
7. धनु राशि
- समय रहेगा आध्यात्मिक रूप से मजबूत।
- पढ़ाई, रिसर्च, विदेश यात्रा या धर्म से जुड़े कार्यों में नवीन अवसर मिल सकते हैं।
- लंबे समय से प्रतीक्षित अवसर अब मिल सकते हैं।
2025 में कब है हनुमान जयंती?
इस साल हनुमान जयंती 12 अप्रैल, शनिवार को है। यह दिन चैत्र पूर्णिमा है, जिसे उत्तर भारत में विशेष रूप से हनुमान जयंती के रूप में मनाया जाता है। शनिवार को हनुमान पूजा का विशेष महत्व होता है क्योंकि इस दिन पूजा करने से शनि दोष से भी राहत मिलती है।
पंचांग के अनुसार, चैत्र पूर्णिमा तिथि 12 अप्रैल को तड़के 3:20 बजे शुरू होकर 13 अप्रैल को सुबह 5:52 बजे तक रहेगी। ऐसे में हनुमान जयंती 12 अप्रैल को ही मनाई जाएगी।
बंशी शोभित कर मधुर, नील जलद तन श्याम ।
अरुण अधर जनु बिम्बफल, नयन कमल अभिराम ॥
जयकाली कलिमलहरण, महिमा अगम अपार ।
महिष मर्दिनी कालिका, देहु अभय अपार ॥
जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करण कृपाल।
दीनन के दुख दूर करि, कीजै नाथ निहाल॥
श्री राधापद कमल रज, सिर धरि यमुना कूल |
वरणो चालीसा सरस, सकल सुमंगल मूल ||