पौष पूर्णिमा उपाय

Paush Purnima 2025: पौष पूर्णिमा पर करें ये उपाय, मां लक्ष्मी की कृपा से बरसेगी धन-दौलत


पूर्णिमा तिथि महीने में 1 बार आती है। इस तरह पूरे साल में कुल 12 पूर्णिमा तिथि होती है। इन्हीं पूर्णिमा तिथ्यों में से एक है पौष माह की पूर्णिमा। वैसे तो हर महीने की पूर्णिमा तिथि शुभ होती है, लेकिन इस साल पौष पूर्णिमा खास होने जा रही है। क्योंकि, दुर्लभ संयोग बनने जा रहा है। हिंदू पंचांग के अनुसार, पौष पूर्णिमा 13 जनवरी 2025 को है। मान्यता है कि पौष पूर्णिमा के दिन व्रत व कुछ उपायों को करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। जानें मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए पौष पूर्णिमा के दिन कौन-से उपाय करें... 



पौष पूर्णिमा शुभ मुहूर्त 


पौष पूर्णिमा तिथि का आरंभ 13 जनवरी, दिन सोमवार को सुबह 5 बजकर 25 मिनट से हो रहा है। वहीं, इसका समापन 14 जनवरी, दिन मंगलवार को रात 3 बजकर 56 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, पौष पूर्णिमा की पूजा 13 जनवरी को की जाएगी।



पौष पूर्णिमा व्रत उपाय


* ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पौष पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी को खीर का भोग लगाना चाहिए। मान्यता है कि मां लक्ष्मी को खीर का भोग लगाने से जीवन में सुखद-संपदा का आगमन होता है। 


* पौष पूर्णिमा के दिन तुलसी के पौधे पर कच्चा दूध चढ़ाना चाहिए। तुलसी का पौधा मां लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है। मान्यता है कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।


* ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पूर्णिमा पर पीपल के वृक्ष पर मां लक्ष्मी का आगमन होता है। इस दिन सुबह उठकर पीपल के पेड़ के सामने कुछ मीठा चढ़ाकर जल अर्पित करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।


* पूजा के समय मां लक्ष्मी को कौड़ियां अर्पित करनी चाहिए। इसके बाद में इन्हें तिजोरी में रखना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।


* पौष पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए उनके प्रिय भोग को भी उन्हें अर्पित करना चाहिए। तिल के लड्डू या फिर गोंद के लड्डुओं का भोग भी पौष माह की पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी को लगाना शुभ माना जाता है।


* पूर्णिमा के दिन गरीब या जरूरतमंद व्यक्ति की मदद करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है।


........................................................................................................
सुखी दांपत्य जीवन के 5 उपाय

साल के आखिरी माह यानी दिसंबर की शुरुआत हो चुकी है, और यह माह कई पवित्र व्रत-त्योहारों से भरा है। इनमें विवाह पंचमी का विशेष महत्व है, जो भगवान श्रीराम और माता सीता के विवाह की स्मृति में मनाई जाती है। हिंदू धर्म में राम-सीता की जोड़ी को आदर्श दांपत्य जीवन का प्रतीक माना गया है।

श्री बद्रीनाथजी जी की आरती (Shri Badrinath Ji Ki Aarti)

पवन मंद सुगंध शीतल, हेम मंदिर शोभितम्,
निकट गंगा बहत निर्मल, श्री बद्रीनाथ विश्वम्भरम्।

अंजनी के लाल तुमको, मेरा प्रणाम हो (Anjani Ke Lal Tumko Mera Pranam Ho)

अंजनी के लाल तुमको,
मेरा प्रणाम हो,

मुझे तूने मालिक, बहुत कुछ दिया है (Mujhe Tune Malik Bahut Kuch Diya Hai)

मुझे तूने मालिक,
बहुत कुछ दिया है ।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।