शिलान्यास यानि किसी भी नए भवन या योजना की शुरुआत करना। हिंदू धर्म में किसी भी नई चीज की शुरुआत करने के पहले पूजा करने की परंपरा है। इसी कारण से बहुत से लोग शिलान्यास करने से पहले बहुत से लोग पूजा करते हैं। इसे नींव पूजन या भूमि पूजन के नाम से भी जाना जाता है। यह पूजा भूमि की पवित्रता और स्थिरता को सुनिश्चित करने के लिए की जाती है। साथ ही ऐसा इसलिए किया जाता है कि ताकि निर्माण कार्य किसी भी तरह के विघ्न के बिना संपन्न हो और भवन में रहने वाले लोगों को सुख-समृद्धि प्राप्त हो। यह पूजा व्यक्ति के लिए समृद्धि, सफलता लाती है। चलिए आपको शिलान्यास पूजा की विधि, प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताते हैं।
शिलान्यास पूजा को पूर्ण श्रद्धा और भक्ति के साथ करना चाहिए। साथ ही पूजा के दौरान घर में शांति का वातावरण बनाए रखना चाहिए। इसके अलावा पूजा के बाद ब्राह्मणों को भोजन कराना और उन्हें दान देना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। और सबसे खास बात शिलान्यास पूजा को वास्तु शास्त्र के अनुसार करें।
शिलान्यास पूजा का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। मान्यता है कि यह पूजा भूमि के दोषों को दूर करती है और नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट करती है। साथ ही यह पूजा भूमि को सकारात्मक ऊर्जा से भर देती है, जिससे निर्माण कार्य में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं। शिलान्यास पूजा करने से भवन की नींव मजबूत होती है और उसमें रहने वाले लोगों का जीवन सुखमय होता है। उन्हें जीवन में किसी भी तरह के विध्न का सामना नहीं करना पड़ता है।
आज 4 अगस्त यानी रविवार को हरियाली अमावस्या है, ये तिथि भगवान शिव को समर्पित श्रावण मास की एक विशेष तिथि है जो हिंदू धर्म में काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है। माना जाता है कि साल के इस समय धरती हरियाली की चादर से ढक जाती है इसलिए श्रावण अमावस्या को हरियाली का त्यौहार कहा जाता है।
हरियाली तीज, जिसे श्रावण तीज के नाम से भी जाना जाता है, एक पारंपरिक हिंदू त्योहार है जो भारत और नेपाल में मनाया जाता है। हरियाली तीज का अर्थ है "हरियाली की तीज" या "हरित तीज"। यह नाम इसलिए पड़ा है क्योंकि यह त्योहार मानसून के मौसम में मनाया जाता है, जब प्रकृति में हरियाली का प्रवेश होता है। यह पर्व श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है, जो आमतौर पर जुलाई या अगस्त में पड़ती है। इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा का विधान है।
शिव और पार्वती की प्रेम कहानी एक अनोखी और प्यारी कहानी है, जो हमें रिश्तों के मायने सिखाती है। यह कहानी हमें बताती है कि प्यार और सम्मान से भरे रिश्ते को कैसे बनाए रखा जा सकता है। हरियाली तीज का पर्व शिव और पार्वती के प्रेम की याद दिलाता है।
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