जड़ से पहाड़ों को,
डाले उखाड़,
थर्राते त्रिभुवन,
जब मारे दहाड़,
बड़े बलशाली है,
बाबा बजरंग बली,
इनकी महिमा निराली है,
बाबा बजरंगी बली ॥
भूत प्रेत कांपे,
नाम सुनते महावीर का जब,
दम दानवो के निकलते,
याद आती है रणधीर की जब,
लाल ही तन लाल बदन,
लाली भी निराली है,
बाबा बजरंग बली,
इनकी महिमा निराली है,
बाबा बजरंगी बली ॥
दे मुद्रिका माँ सिया को,
शोक मोह सारा उनका निबारा,
फल खाये उपवन उजाड़ा,
दुष्ट अक्षय पटक करके मारा,
लंका जला अंजनी लला,
पूँछ जल में बुझा ली है,
बाबा बजरंग बली,
इनकी महिमा निराली है,
बाबा बजरंगी बली ॥
संजीवनी संग पूरा,
द्रोणागिरी उठाकर के लाये,
लंका से ला बैध जी को,
प्राण भ्रात लखन के बचाये,
सियाराम मन में देख लो,
छाती चीर डाली है,
बाबा बजरंग बली,
इनकी महिमा निराली है,
बाबा बजरंगी बली ॥
राम सब काम करते,
सब जियें राम के ही सहारे,
पर आपने तो है हनुमत,
काम सब राम के भी सवारे,
खाली कोई लौटा नहीं,
गर का सवाली है,
बाबा बजरंग बली,
इनकी महिमा निराली है,
बाबा बजरंगी बली ॥
भक्त वत्सल दीनानाथ हनुमत,
दीन बंधू दया चाहता है,
चरणों का चेला ‘मयंक’ है,
कृपा भिक्षा सदा मांगता है,
सरकार के दरबार से,
कोई जाता ना खाली है,
बाबा बजरंग बली,
इनकी महिमा निराली है,
बाबा बजरंगी बली ॥
जड़ से पहाड़ों को,
डाले उखाड़,
थर्राते त्रिभुवन,
जब मारे दहाड़,
बड़े बलशाली है,
बाबा बजरंग बली,
इनकी महिमा निराली है,
बाबा बजरंगी बली ॥
हिंदू धर्म में देवी-देवताओं के साथ सूर्य, चंद्रमा, नदियों और प्रकृति की पूजा का भी विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अमावस्या के बाद चंद्र दर्शन शुभ और पुण्यदायी माना जाता है।
दिसंबर माह वर्ष का अंतिम महीना होने के साथ-साथ धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण है। इस महीने मार्गशीर्ष और पौष के कई व्रत और त्योहार मनाए जाएंगे।
हिंदू धर्म में विनायक चतुर्थी का विशेष महत्व है। यह व्रत भगवान गणेश को समर्पित है, जिन्हें विघ्नहर्ता और बुद्धि, रिद्धि-सिद्धि का देवता माना जाता है। इस दिन पूरे विधि-विधान से गणपति की पूजा और व्रत किया जाता है।
कृष्ण कन्हैया बंसी बजैया,
नंदलाला घनश्याम रे,