मंदिर अब बनने लगा है,
भगवा रंग चढ़ने लगा है,
मंदिर जब बन जायेगा,
सोच नजारा क्या होगा,
देश हमारा देश हमारा,
सोच के देखो,
इससे प्यारा क्या होगा ॥
काशी अब सजने लगा है,
डमरू भी बजने लगा है,
काशी अब सजने लगा है,
डमरू भी बजने लगा है,
डमरू जब असर करेगा,
सोच नजारा क्या होगा,
देश हमारा देश हमारा,
सोच के देखो,
इससे प्यारा क्या होगा ॥
मथुरा भी सजने लगी है,
बंशी अब बजने लगी है,
मथुरा भी सजने लगी है,
बंशी अब बजने लगी है,
बंशी जब बज जायेगी,
सोच नजारा क्या होगा,
देश हमारा देश हमारा,
सोच के देखो,
इससे प्यारा क्या होगा ॥
मंदिर अब बनने लगा है,
भगवा रंग चढ़ने लगा है,
मंदिर जब बन जायेगा,
सोच नजारा क्या होगा,
देश हमारा देश हमारा,
सोच के देखो,
इससे प्यारा क्या होगा ॥
मंदिर अब बनने लगा है,
भगवा रंग चढ़ने लगा है,
मंदिर अब बनने लगा है,
भगवा रंग चढ़ने लगा है,
मंदिर अब बनने लगा है,
भगवा रंग चढ़ने लगा है,
मंदिर अब बनने लगा है,
भगवा रंग चढ़ने लगा है,
प्रथम पुष्पांजली मंत्र
ॐ जयन्ती, मङ्गला, काली, भद्रकाली, कपालिनी ।
दुर्गा, शिवा, क्षमा, धात्री, स्वाहा, स्वधा नमोऽस्तु ते॥
एष सचन्दन गन्ध पुष्प बिल्व पत्राञ्जली ॐ ह्रीं दुर्गायै नमः॥
Pratham Puspanjali Mantra
om jayanti, mangla, kali, bhadrakali, kapalini .
durga, shiva, kshama, dhatri, svahaa, svadha namo̕stu te॥
esh sachandan gandh pusp bilva patranjali om hrim durgaye namah॥
॥ श्रीशिवपञ्चाक्षरस्तोत्रम् ॥
नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय,
भस्माङ्गरागाय महेश्वराय ।
नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय,
तस्मै न काराय नमः शिवाय ॥१॥
॥ Shrishivpanchaksharastotram ॥
nagendraharay trilochanay,
bhasmangaragay maheshvaray .
nityay shuddhay digambaray,
tasmai na karay namah shivay .1.
॥ श्रीरुद्राष्टकम् ॥
नमामीशमीशान निर्वाणरूपं
विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम् ।
निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं
चिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहम् ॥ १॥
॥ Shrirudrashtakam ॥
namaamishmishan nirvanarupam
vibhum vyapakam bramvedasvarupam .
nijam nirgunam nirvikalpam niriham
chidakashamakashavasam bhaje̕ham . 1.
मैं बालक तू माता शेरां वालिए,
है अटूट यह नाता शेरां वालिए ।
शेरां वालिए माँ, पहाड़ा वालिए माँ,
मेहरा वालिये माँ, ज्योतां वालिये माँ ॥
॥ मैं बालक तू माता शेरां वालिए...॥