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भजमन शंकर भोलेनाथ - भजन (Bhajman Shankar Bholenath)

भजमन शंकर भोलेनाथ - भजन (Bhajman Shankar Bholenath)

भजमन शंकर भोलेनाथ,

डमरू मधुर बजाने वाले,

डमरू मधुर बजाने वाले,

डमरू मधुर बजाने वाले,

भजमन शंकर भोलेंनाथ,

डमरू मधुर बजाने वाले ॥


मुक्ति हेतु बसाई काशी,

जहां रहे भोले अविनाशी,

विजया भोग लगाने वाले,

भजमन शंकर भोलेंनाथ,

डमरू मधुर बजाने वाले ॥


कर त्रिशूल पहिरे मृगछाला,

भोला ऐसा दीनदयाला,

बिगड़े काम बनाने वाले,

भजमन शंकर भोलेंनाथ,

डमरू मधुर बजाने वाले ॥


सकल मनोरथ पूरण कारी,

गिरजापति कैलाश बिहारी,

प्रभु महादेव कहाने वाले,

भजमन शंकर भोलेंनाथ,

डमरू मधुर बजाने वाले ॥


जो नित गान प्रभु का गावे,

सब सुख भोग परम पद पावे,

आवागमन छुड़ाने वाले,

भजमन शंकर भोलेंनाथ,

डमरू मधुर बजाने वाले ॥


भजमन शंकर भोलेनाथ,

डमरू मधुर बजाने वाले,

डमरू मधुर बजाने वाले,

डमरू मधुर बजाने वाले,

भजमन शंकर भोलेंनाथ,

डमरू मधुर बजाने वाले ॥


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वट सावित्री पूर्णिमा 2025

वट सावित्री व्रत हिंदू धर्म में विवाहित स्त्रियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण व्रत माना जाता है। यह व्रत स्त्रियां अपने पति की दीर्घायु, स्वास्थ्य और सुखमय वैवाहिक जीवन की कामना से करती हैं।

वट सावित्री व्रत 2 बार क्यों मनाया जाता है

वट सावित्री व्रत विवाहित स्त्रियों द्वारा अपने पति की लंबी उम्र, अच्छे स्वास्थ्य और सुखमय वैवाहिक जीवन की कामना से रखा जाने वाला एक विशेष पर्व है।

वट पूर्णिमा पर ये उपाय करें

वट पूर्णिमा व्रत 2025 में 10 जून की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाएगा, जो विशेष रूप से सुहागिन महिलाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व होता है। यह व्रत श्रद्धा और पति की लंबी आयु की कामना से जुड़ा है।

वट सावित्री पूर्णिमा व्रत कथा

वट सावित्री व्रत 10 जून, ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाएगा। यह व्रत विशेष रूप से सुहागिन महिलाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है।

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