भोलेनाथ है वो मेरे, भोलेनाथ हैं (Bholenath Hai Vo Mere Bholenath Hai)

हर इक डगर पे हरपल,

जो मेरे साथ हैं,

भोलेनाथ है वो मेरे,

भोलेनाथ हैं,

देवों के देव हैं वो,

नाथों के नाथ हैं,

भोलेनाथ हैं वो मेरे,

भोलेनाथ हैं ॥


नीलकंठ महादेव विष को पिये हैं,

असुरों देवों को वर एक सा दिए हैं,

फर्क न किये,

हर कष्ट हर लिए,

जिनके आगे प्राणी सब,

जोड़े हाथ है,

भोलेनाथ हैं वो मेरे,

भोलेनाथ हैं ॥


हाथ में त्रिशूल है बाघम्बर कमर में,

दूजे हाथ डमरू है बाजे नाद स्वर में,

नन्दी पे सवार,

हैं भोले त्रिपुरार,

जटा में हैं गंगा और,

चन्द्र माथ है,

भोलेनाथ हैं वो मेरे,

भोलेनाथ हैं ॥


जल जो चढ़ाए उसे यम से उबारे,

बेल के चढाने से भरते भंडारे,

दूध अक्षत के संग,

धतूरा और भँग,

वैभव सुख धन की करते,

बरसात हैं,

भोलेनाथ हैं वो मेरे,

भोलेनाथ हैं ॥


हर इक डगर पे हरपल,

जो मेरे साथ हैं,

भोलेनाथ है वो मेरे,

भोलेनाथ हैं,

देवों के देव हैं वो,

नाथों के नाथ हैं,

भोलेनाथ हैं वो मेरे,

भोलेनाथ हैं ॥

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राम को मांग ले मेरे प्यारे (Ram Ko Maang Le Mere Pyare)

राम को मांग ले मेरे प्यारे
उम्र भर को सहारा मिलेगा

ललिता जयंती 2025 कब है

माता ललिता को समर्पित यह ललिता जयंती हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है। बता दें कि ललिता व्रत, शरद नवरात्रि के पाँचवें दिन किया जाता है।

हनुमान जयंती साल में 2 बार क्यों मनाते हैं

हिंदू धर्म में रामभक्त हनुमान का विशेष स्थान है। संकटमोचन हनुमान को प्रसन्न करने के लिए साल में दो बार हनुमान जयंती का पर्व मनाया जाता है। इस दिन भक्त हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, सुंदरकांड और वैदिक मंत्रों का जाप करते हैं।

मौनी अमावस्या पर पितरों का आशीर्वाद

मौनी अमावस्या पर लोग अपने पूर्वजों का तर्पण और पिंडदान करते हैं। धार्मिक मान्यता है कि इससे पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। पंचांग के अनुसार, इस बार मौनी अमावस्या का पर्व 29 जनवरी को मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यता के अनुसार मौनी अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान करने से पापों से छुटकारा मिलता है।

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