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दर्शन की प्यासी नजरिया, मैया (Darshan Ki Pyasi Najariya Maiya)

दर्शन की प्यासी नजरिया, मैया (Darshan Ki Pyasi Najariya Maiya)

दर्शन की प्यासी नजरिया,

मैया लीजे खबरिया ॥


खप्पर वाली माँ जगदम्बा,

चंडी ज्वाला अम्बा अम्बा,

ओढ़े लाल चुनरिया,

मैया लीजे खबरिया ॥


रण में महिषासुर को मारे,

माँ का शेरा जब हुंकारे,

दीखे लाल नज़रिया,

मैया लीजे खबरिया ॥


खंज़र चक्र त्रिशूल संभाले,

लाल नयन और जीभ निकाले,

चुनरी रंग केसरिया,

मैया लीजे खबरिया ॥


गाते गुण माँ भगत तुम्हारे,

आन बसों माँ हृदय हमारे,

‘राजेन्द्र’ की सुनलो अरज़िया,

मैया लीजे खबरिया ॥


दर्शन की प्यासी नजरिया,

मैया लीजे खबरिया ॥

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गणेश जयंती पूजा विधि

सनातन हिंदू धर्म के पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, भगवान गणेश जी का जन्म माघ महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को हुआ था। इसे श्रीगणेश के अवतरण-दिवस के रूप में मनाया जाता है।

कब है गणेश जयंती

प्रत्येक वर्ष माघ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश जयंती मनाई जाती है। इसे विनायक चतुर्थी अथवा वरद चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है।

इस मंदिर में होती है गुप्त नवरात्रि पर तंत्र-साधना

सनातन हिंदू धर्म में नवरात्रि के पर्व को नारी शक्ति और देवी दुर्गा का प्रतीक माना जाता है। यह त्योहार देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा को समर्पित है।

विनायक चतुर्थी कब है

विनायक चतुर्थी भगवान गणेश जी को समर्पित है। यह प्रत्येक महीने शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही सभी दुखों का नाश होता है।

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