दर्शन की प्यासी नजरिया,
मैया लीजे खबरिया ॥
खप्पर वाली माँ जगदम्बा,
चंडी ज्वाला अम्बा अम्बा,
ओढ़े लाल चुनरिया,
मैया लीजे खबरिया ॥
रण में महिषासुर को मारे,
माँ का शेरा जब हुंकारे,
दीखे लाल नज़रिया,
मैया लीजे खबरिया ॥
खंज़र चक्र त्रिशूल संभाले,
लाल नयन और जीभ निकाले,
चुनरी रंग केसरिया,
मैया लीजे खबरिया ॥
गाते गुण माँ भगत तुम्हारे,
आन बसों माँ हृदय हमारे,
‘राजेन्द्र’ की सुनलो अरज़िया,
मैया लीजे खबरिया ॥
दर्शन की प्यासी नजरिया,
मैया लीजे खबरिया ॥
सगाई का दिन! जिंदगी का वो खास पल जब दो दिल एक दूसरे के साथ जुड़ते हैं और एक नई यात्रा की शुरुआत होती है।
नया व्यवसाय शुरू करना एक महत्वपूर्ण निर्णय है जिसमें कई चीजें शामिल होती हैं। रणनीति, कड़ी मेहनत, नवाचार, और सबसे महत्वपूर्ण शुभ मुहूर्त। जी हां, सही समय चुनना भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि आपके व्यवसाय की रणनीति और योजना।
भारतीय संस्कृति में शुभ मुहूर्त का महत्व सदियों से जारी है। चाहे वह शादी-विवाह हो, मुंडन, अन्य अनुष्ठान, या फिर संपत्ति की खरीदारी, शुभ मुहूर्त का पालन करना अत्यंत आवश्यक माना जाता है। यही कारण है कि लोग किसी भी महत्वपूर्ण काम के लिए शुभ मुहूर्त की तलाश करते हैं।
वाहन खरीदना एक महत्वपूर्ण काम होता है जहां आपका एक सपना वास्तविकता में बदलने वाला होता है। हिंदू धर्म में जिस तरह लोग मांगलिक कार्य से पहले शुभ मुहूर्त देखते हैं उसी तरह संपत्ति, वाहन, भूमि खरीदने से पहले भी शुभ मुहूर्त देखा जाता है।