लल्ला की सुन के मै आयी,
यशोदा मैया देदो बधाई,
कान्हा की सुनके मै आयी,
यशोदा मैया देदो बधाई,
लाला जनम सुन आयी,
यशोदा मैया देदो बधाई ।
देदो बधाई मैया देदो बधाई,
लल्ला की सुन के मै आयी,
यशोदा मैया देदो बधाई ।
टीका भी लूँगी मैया,
बिंदियां भी लूँगी,
रेशम की लूँगी रजाई,
यशोदा मैया देदो बधाई ।
साड़ी भी लूँगी मैया,
लहँगा भी लूँगी,
धोती भी लूँगी मैया,
कुर्ता भी लूँगी,
पगडि की होगी चढ़ाई,
यशोदा मैया देदो बधाई ।
हरवा भी लूँगी मैया,
चुड़ि भी लूँगी,
कंगना पे होगी चढ़ाई,
यशोदा मैया देदो बधाई।
चन्द्र सखी भज,
बाल कृष्ण छवि,
नित नित जाऊँ बलिहारी,
यशोदा मैया देदो बधाई ।
लल्ला की सुन के मै आयी,
यशोदा मैया देदो बधाई,
कान्हा की सुनके मै आयी,
यशोदा मैया देदो बधाई,
लाला जनम सुन आयी,
यशोदा मैया देदो बधाई ।
हिंदू धर्म में व्रत रखना एक महत्वपूर्ण परंपरा है। ये हमें अपने जीवन को सुधारने और आध्यात्म से जुड़ने के लिए प्रेरित करती है साथ ही हमारे शरीर का संतुलन भी बना रहता है।
Skanda Sashti 2024: भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि की शुरुआत 08 सितंबर को रात 07 बजकर 58 मिनट पर होगी। वहीं इस तिथि का समापन 09 सितंबर को रात 09 बजकर 53 मिनट पर होगा। ऐसे में स्कंद षष्ठी का पर्व 09 सितंबर को मनाया जाएगा।
हिंदू धर्म में भगवान श्री कृष्ण और राधा को प्रेम का प्रतीक माना गया है।
बात चाहे पति की लम्बी उम्र के लिए हरतालिका तीज और करवा चौथ का व्रत रखने की हो या फिर बच्चों के सुखी जीवन के लिए संतान सप्तमी के व्रत की, सनातन संस्कृति में मातृशक्ति ऐसे कई सारे व्रत धारण किए हुए हैं जो जगत कल्याण का आधार माना जाता है।