सावन मास में चंद्र दर्शन का विशेष महत्व होता है। यह दिन चंद्रमा के प्रथम दर्शन का होता है, जो अमावस्या के बाद शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को आता है। 2025 में सावन मास का चंद्र दर्शन 26 जुलाई, शनिवार को मनाया जाएगा। पंचांग के अनुसार, इस दिन शाम 6:47 बजे से रात 8:01 बजे तक चंद्र दर्शन का शुभ मुहूर्त रहेगा। यह समय चंद्रमा के उदय और स्पष्ट रूप से दिखने का होता है।
हिंदू धर्म में चंद्रमा को मन का स्वामी कहा गया है। चंद्र दर्शन न केवल मानसिक शांति प्रदान करता है, बल्कि आध्यात्मिक चेतना और सकारात्मक ऊर्जा भी प्रदान करता है। पुराणों में कहा गया है कि अमावस्या के बाद चंद्रमा के पहले दर्शन से पवित्रता, शांति और शुभता प्राप्त होती है। इसे मन और भावनाओं को संतुलित करने वाला क्षण माना जाता है।
सावन मास में चंद्र दर्शन का महत्व और भी बढ़ जाता है क्योंकि यह मास स्वयं शिव का प्रिय होता है और चंद्रमा उनके शीश पर सुशोभित रहते हैं।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो चंद्रमा पृथ्वी का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह है, जिसका प्रभाव पृथ्वी के ज्वार-भाटा, कृषि चक्र, मानव शरीर के जल तत्व और मानव मस्तिष्क पर सीधा पड़ता है। चंद्रमा की बढ़ती और घटती कलाओं का मनुष्य की नींद, मूड और मानसिक स्थिति पर भी असर पड़ता है।