डिम डिम डमरू बजावेला हामार जोगिया(Dim Dim Damroo Bajavela Hamar Jogiya)

डिम डिम डमरू बजावेला हामार जोगिया

हे हमार जोगिया हो हमार जोगिया

डिम डिम डमरू बजावेला हामार जोगिया


शीश गंगा जी के धार सोहे चन्द्रमा लिल्लाहर

अंग भभूति रमावेला हामार जोगिया

डिम डिम डमरू बजावेला हामार जोगिया


संग भुत बरियात और जोगनी जमात

भूढ़े बस हां चढ़ आवेला हामार जोगिया

अंग भभूति रमावेला हामार जोगिया

डिम डिम डमरू बजावेला हामार जोगिया


पहिरे नागरी पुछाला हाथ कान पेहरि निहाला

हर दम राम नाम गावेल हामार जोगिया

डिम डिम डमरू बजावेला हामार जोगिया


सब लोक के जो देवा करे सारा जग सेवा

के शिव शंकर खावे हामार जोगिया

डिम डिम डमरू बजावेला हामार जोगिया

डिम डिम डमरू बजावेला हामार जोगिया

हे हमार जोगिया हो हमार जोगिया

डिम डिम डमरू बजावेला हामार जोगिया


डिम डिम डमरू बजावेला हामार जोगिया

हे हमार जोगिया हो हमार जोगिया

डिम डिम डमरू बजावेला हामार जोगिया

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Gauri Ke Nanda Gajanand Gauri Ke Nanda Lyrics (गौरी के नंदा गजानन, गौरी के नन्दा)

गजानंद आनंद करो,
दो सुख सम्पति में शीश,

बजरंगबली आओ, हनुमान चले आओ (Bajrangbali Aao Hanuman Chale Aao)

बजरंगबली आओ,
हनुमान चले आओ,

मसान होली की पौराणिक कथा

मसान होली दो दिवसीय त्योहार माना जाता है। मसान होली चिता की राख और गुलाल से खेली जाती है। काशी के मणिकर्णिका घाट पर साधु-संत इकट्ठा होकर शिव भजन गाते हैं और नाच-गाकर जीवन-मरण का जश्न मनाते हैं और साथ ही श्मशान की राख को एक-दूसरे पर मलते हैं और हवा में उड़ाते हैं। इस दौरान पूरी काशी शिवमय हो जाती है और हर तरफ हर-हर महादेव का नाद सुनाई देता है।

नाग स्तोत्रम् (Nag Stotram)

ब्रह्म लोके च ये सर्पाःशेषनागाः पुरोगमाः।

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