गणपति आज पधारो, श्री रामजी की धुन में (Ganapati Aaj Padharo Shri Ramaji Ki Dhun Me)

गणपति आज पधारो,

श्री रामजी की धुन में ।

गणपति आज पधारो,

श्री रामजी की धुन में ।


रामजी की धुन में,

श्री रामजी की धुन में ।

मोदक भोग लगाओ,

श्री रामजी की धुन में ॥


गणपति आज पधारो,

श्री रामजी की धुन में ।


गणपति आज पधारो,

और रिद्धि सिद्धि लाओ ।

सुख आनंद बरसाओ,

श्री रामजी की धुन में ॥


गणपति आज पधारो,

श्री रामजी की धुन में ।


हनुमंत आज पधारो,

देवा पवन वेग से आओ ।

बल बुद्धि दे जाओ,

श्री रामजी की धुन में ॥


गणपति आज पधारो,

श्री रामजी की धुन में ।


ब्रम्हाजी पधारो,

माता ब्रम्हाणी को लाओ ।

वेद ज्ञान समझाओ,

श्री रामजी की धुन में ॥


गणपति आज पधारो,

श्री रामजी की धुन में ।


नारद आज पधारो,

छम छम, छम कर ताल बजाओ ।

नारायण गुण गाओ,

श्री रामजी की धुन में ॥


गणपति आज पधारो,

श्री रामजी की धुन में ।


प्रेम मगन हो जाओ भक्तो,

राम नाम गुण गाओ ।

सुर मंदिर में आओ,

श्री रामजी की धुन में ॥


गणपति आज पधारो,

श्री रामजी की धुन में ।

गणपति आज पधारो,

श्री रामजी की धुन में ।

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मैं तो आई वृन्दावन धाम, किशोरी तेरे चरनन में (Main Too Aai Vrindavan Dham Kishori Tere Charanan Main)

मैं तो आई वृन्दावन धाम,
किशोरी तेरे चरनन में ।

करवा चौथ व्रत-कथा की कहानी (Karva Chauth Vrat-katha Ki Kahani)

अतीत प्राचीन काल की बात है। एक बार पाण्डु पुत्र अर्जुन तब करने के लिए नीलगिरि पर्वत पर चले गए थे।

मै तो लाई हूँ दाने अनार के (Main To Layi Hu Daane Anaar Ke)

मैं तो लाई हूँ दाने अनार के,
मेरी मैया के नौ दिन बहार के ॥

अग्नि देवता की पूजा विधि क्या है?

सनातन धर्म में अग्नि देवता को देवताओं का मुख माना जाता है। वे देवताओं और मनुष्यों के बीच एक संदेशवाहक भी माने जाते हैं। अग्नि देवता यज्ञों के देवता भी हैं।

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