गणपति देवा मेरे गणपति देवा,
माता तेरी पार्वती,
माता तेरी पार्वती,
पिता महादेवा,
गणपति देवा मेरे गणपति देवा ॥
विघ्न हरण देवा तू कहलाता,
सिद्ध कारज होंवे उसके,
प्रथम जो भी ध्याता,
चरणों में आए हम करने तेरी सेवा,
गणपति देवा मेरे गणपति देवा ॥
देवों में देव प्रभु तू है निराला,
शिव का दुलारा तू है गौरा जी का लाला,
भोग है प्रिय तुम्हें,
मोदक मेवा,
गणपति देवा मेरे गणपति देवा ॥
रिद्धि सिद्धि संग मेरे घर में पधारो,
चरणों की दासी ’भाषा’ काज संवारो,
हर दिन हर पल बप्पा करें तेरी सेवा,
गणपति देवा मेरे गणपति देवा ॥
मुंडन संस्कार हिंदू धर्म के सबसे पवित्र संस्कारों में से एक हैं। इसे बच्चे के जन्म के एक निश्चित समय बाद पूरा किया जाना होता है। यह संस्कार बच्चे के जीवन में एक नया चरण शुरू करने का प्रतीक होता है।
गुरु दक्षिणा की परंपरा हिंदू संस्कृति में प्राचीन काल से चली आ रही है। किसी भी व्यक्ति की सफलता में गुरु की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसलिए, इस पूजा के जरिए हम अपने गुरु के प्रति सम्मान और कृतज्ञता प्रकट करते हैं।
नई पुस्तक का विमोचन किसी लेखक के लिए एक बेहद खास अवसर होता है। यह न केवल उसकी विद्या और ज्ञान का प्रतीक होता है, बल्कि उसकी मेहनत और समर्पण की भी पहचान होती है।
हिंदू धर्म के 16 प्रमुख संस्कार है। इन्हीं में से एक संस्कार है अन्नप्राशन संस्कार है। यह संस्कार बच्चे के जीवन में एक महत्वपूर्ण घटना होती है। दरअसल इस संस्कार के दौरान बच्चे को पहली बार ठोस आहार खिलाया जाता है।