हुई गलियों में जय जयकार (Hui Galiyon Mein Jai Jaikaar)

हुई गलियों में जय जयकार,

आया गणपति तेरा त्यौहार ॥


नाची मन में उमंग,

भरा खुशियों ने रंग,

नाची मन में उमंग,

भरा खुशियों ने रंग,

गूंजी गणपति तेरी जयकार,

आया गणपति तेरा त्यौहार,

हुई गलियों में जय जयकार,

आया गणपति तेरा त्यौहार ॥


ऊँचा आसान सजाएं,

तुम्हे घर में बिठाएं,

ऊँचा आसान सजाएं,

तुम्हे घर में बिठाएं,

तेरे चरणों में है संसार,

आया गणपति तेरा त्यौहार,

हुई गलियों में जय जयकार,

आया गणपति तेरा त्यौहार ॥


शिव फुले ना समाये,

गौरा वारि वारि जाए,

शिव फुले ना समाये,

गौरा वारि वारि जाए,

आए जग के पालनहार,

आया गणपति तेरा त्यौहार,

हुई गलियो में जय जयकार,

आया गणपति तेरा त्यौहार ॥


शंख अंकुश लिए आए,

कमल पाश लिए आए,

शंख अंकुश लिए आए,

कमल पाश लिए आए,

आये मूषक पे होके सवार,

आया गणपति तेरा त्यौहार,

हुई गलियो में जय जयकार,

आया गणपति तेरा त्यौहार ॥


मनसा पूरी करो,

सबकी झोली भरो,

मनसा पूरी करो,

सबकी झोली भरो,

सारे जग के तुम करतार,

आया गणपति तेरा त्यौहार,

हुई गलियों में जय जयकार,

आया गणपति तेरा त्यौहार ॥


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धन जोबन और काया नगर की (Dhan Joban Aur Kaya Nagar Ki)

धन जोबन और काया नगर की,
कोई मत करो रे मरोर ॥

प्रदोष व्रत पर शिव की पूजा

प्रदोष व्रत भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा को समर्पित है। इस दिन व्रत और पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है। साथ ही जीवन में आने वाली सभी बाधाएं दूर होती हैं।

चैत्र माह की पौराणिक कथा

नवरात्रि का अर्थ नौ रातें होता है, जो हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह त्योहार साल में दो बार मनाया जाता है। चैत्र और शारदीय नवरात्रि। इस दौरान मां दुर्गा की पूजा आराधना की जाती है। उनके नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। चैत्र नवरात्र का खास महत्व है।

ये चमक ये दमक (Ye Chamak Ye Damak)

ये चमक ये दमक,
फूलवन मा महक,

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