हमारा नहीं कोई रे तेरे बिना राम
हमारा नहीं कोई रे तेरे बिना राम
हमारा नहीं कोई रे तेरे बिना राम
हमारा नहीं कोई रे,
हमारा नहीं कोई रे, तेरे बिना राम
भाई बंधु सब कुटुंब कबीला
भाई बंधु सब कुटुंब कबीला
सहारा नहीं कोई रे, तेरे बिना राम
हमारा नहीं कोई रे तेरे बिना राम
हमारा नहीं कोई रे तेरे बिना राम
गहरी नदिया नाव पुरानी
गहरी नदिया नाव पुरानी
किनारा नहीं कोई रे, तेरे बिना राम
हमारा नहीं कोई रे तेरे बिना राम
हमारा नहीं कोई रे तेरे बिना राम
हमारा नहीं कोई रे तेरे बिना राम
हमारा नहीं कोई रे तेरे बिना राम
हमारा नहीं कोई रे तेरे बिना राम
हमारा नहीं कोई रे,
हम सभी जानते हैं कि अच्छी नींद के लिए सही माहौल बनाना कितना ज़रूरी है। हम आरामदायक बिस्तर, कमरे का तापमान और रोशनी जैसी चीज़ों पर ध्यान देते हैं।
मंदिर में प्रवेश करते समय घंटी बजाना एक ऐसा रिवाज है जो सदियों से चला आ रहा है। यह परंपरा न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है बल्कि इसके पीछे वैज्ञानिक कारण भी बताए गए हैं।
महाकुंभ मेला (Mahakumbh Mela 2025) हर बार ज्योतिषीय गणना के आधार पर आयोजित किया जाता है, जिसमें बड़ी संख्या में साधु-संत भाग लेते हैं। यह मेला 12 साल के अंतराल में आयोजित होता है, और इस बार इसका भव्य आयोजन प्रयागराज में होने जा रहा है।
हिंदू धर्म में भगवान गणेश की पूजा मोदक के भोग के बिना अधूरी मानी जाती है। बप्पा को मोदक बेहद प्रिय है। आप कितने भी 56 भोग भगवान को भोग लगा दें, लेकिन मोदक के बिना पूजा पूर्ण नहीं मानी जाती है। अब ऐसे में आखिर भगवान गणेश को मोदक इतना क्यों प्रिय है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में विस्तार से जानते हैं।