हमारा नहीं कोई रे तेरे बिना राम
हमारा नहीं कोई रे तेरे बिना राम
हमारा नहीं कोई रे तेरे बिना राम
हमारा नहीं कोई रे,
हमारा नहीं कोई रे, तेरे बिना राम
भाई बंधु सब कुटुंब कबीला
भाई बंधु सब कुटुंब कबीला
सहारा नहीं कोई रे, तेरे बिना राम
हमारा नहीं कोई रे तेरे बिना राम
हमारा नहीं कोई रे तेरे बिना राम
गहरी नदिया नाव पुरानी
गहरी नदिया नाव पुरानी
किनारा नहीं कोई रे, तेरे बिना राम
हमारा नहीं कोई रे तेरे बिना राम
हमारा नहीं कोई रे तेरे बिना राम
हमारा नहीं कोई रे तेरे बिना राम
हमारा नहीं कोई रे तेरे बिना राम
हमारा नहीं कोई रे तेरे बिना राम
हमारा नहीं कोई रे,
छठ पूजा 04 दिनों का अत्यंत पवित्र पर्व है जो कार्तिक शुक्ल चतुर्थी से शुरू होकर कार्तिक शुक्ल सप्तमी को समाप्त होता है। इन चार दिनों में व्रती महिलाएं और पुरुष सूर्यदेव और छठी मैया की उपासना करते हैं।
छठ महापर्व भारत में सूर्य उपासना का एक सबसे पवित्र और कठिन त्योहार है। जिसे कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि पर मनाया जाता है।
हिंदू धर्म में भगवान सूर्य को जीवनदायी शक्ति माना गया है। शास्त्रों के अनुसार नित्य भगवान सूर्य को अर्घ्य देने से जीवन में सौभाग्य, उन्नति और समृद्धि आती है।
देवउत्थायनी एकादशी या देवउठनी ग्यारस एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है।