इतनी किरपा कीजिये,
सालासर हनुमान,
अब दर्शन दे दो बाबा,
अब दर्शन दे दो बाबा,
मुझे बालक अपना जान,
इतनीं किरपा कीजिये,
सालासर हनुमान ॥
रामचंद्र के कारज बाबा,
पल में तुमने सारे थे,
सिता को हर ले गया रावण,
ढूंढ ढूंढ कर हारे थे,
माता की खबर तुम लाए,
माता की खबर तुम लाए,
जाकर के सागर पार,
इतनीं किरपा कीजिये,
सालासर हनुमान ॥
शक्ति बाण लगा लक्ष्मण को,
संजीवन तुम ले आए,
बूटी की पहचान हुई ना,
पर्वत ही तुम ले आए,
तेरी सेवा के आगे,
तेरी सेवा के आगे,
खुद झुक गए है भगवान,
इतनीं किरपा कीजिये,
सालासर हनुमान ॥
मिले ना तुमको रामसिया तो,
तोड़ दी माला मोतियन की,
कहने लगे है भक्त विभीषण,
जात है आखिर वानर की,
तूने चिर दिया है सीना,
तूने चिर दिया है सीना,
बैठे है सियाराम,
इतनीं किरपा कीजिये,
सालासर हनुमान ॥
तेरी कृपा से बजरंग बाला,
भक्ति शक्ति मिल जाती है,
हो जाए जो मेहर तुम्हारी,
उनको मुक्ति मिल जाती है,
‘विष्णु दत्त’ अब तो बाबा,
‘विष्णु दत्त’ अब तो बाबा,
‘देव’ दर्शन दीजो आज,
इतनीं किरपा कीजिये,
सालासर हनुमान ॥
इतनी किरपा कीजिये,
सालासर हनुमान,
अब दर्शन दे दो बाबा,
अब दर्शन दे दो बाबा,
मुझे बालक अपना जान,
इतनीं किरपा कीजिये,
सालासर हनुमान ॥
नरसिंह जयंती का पर्व भगवान विष्णु के चौथे अवतार, श्री नृसिंह भगवान के प्राकट्य दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार इस समय साल का दूसरा महीना यानी वैशाख माह चल रहा है। ये कुछ ही दिनों में समाप्त हो जाएगा और इसके बाद शुरू होगा ज्येष्ठ माह। इस आम भाषा में जेठ महीना भी कहा जाता है।
हिंदू पंचांग में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्त्व होता है। 12 मई 2025, सोमवार को वैशाख पूर्णिमा और बुद्ध पूर्णिमा दोनों ही हैं। यह दिन धार्मिक दृष्टि से बहुत शुभ माना जाता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल 13 मई 2025 से ज्येष्ठ मास की शुरुआत हो रही है, जो 11 जून तक चलेगा। यह महीना गर्मी का चरम समय होता है और धार्मिक रूप से भी बहुत खास माना गया है। इस महीने को 'बड़ा महीना' भी कहा जाता है। सूर्य देव इस समय अपनी तेज किरणों से गर्मी बढ़ा देते हैं।