इतनी किरपा कीजिये,
सालासर हनुमान,
अब दर्शन दे दो बाबा,
अब दर्शन दे दो बाबा,
मुझे बालक अपना जान,
इतनीं किरपा कीजिये,
सालासर हनुमान ॥
रामचंद्र के कारज बाबा,
पल में तुमने सारे थे,
सिता को हर ले गया रावण,
ढूंढ ढूंढ कर हारे थे,
माता की खबर तुम लाए,
माता की खबर तुम लाए,
जाकर के सागर पार,
इतनीं किरपा कीजिये,
सालासर हनुमान ॥
शक्ति बाण लगा लक्ष्मण को,
संजीवन तुम ले आए,
बूटी की पहचान हुई ना,
पर्वत ही तुम ले आए,
तेरी सेवा के आगे,
तेरी सेवा के आगे,
खुद झुक गए है भगवान,
इतनीं किरपा कीजिये,
सालासर हनुमान ॥
मिले ना तुमको रामसिया तो,
तोड़ दी माला मोतियन की,
कहने लगे है भक्त विभीषण,
जात है आखिर वानर की,
तूने चिर दिया है सीना,
तूने चिर दिया है सीना,
बैठे है सियाराम,
इतनीं किरपा कीजिये,
सालासर हनुमान ॥
तेरी कृपा से बजरंग बाला,
भक्ति शक्ति मिल जाती है,
हो जाए जो मेहर तुम्हारी,
उनको मुक्ति मिल जाती है,
‘विष्णु दत्त’ अब तो बाबा,
‘विष्णु दत्त’ अब तो बाबा,
‘देव’ दर्शन दीजो आज,
इतनीं किरपा कीजिये,
सालासर हनुमान ॥
इतनी किरपा कीजिये,
सालासर हनुमान,
अब दर्शन दे दो बाबा,
अब दर्शन दे दो बाबा,
मुझे बालक अपना जान,
इतनीं किरपा कीजिये,
सालासर हनुमान ॥
आज 31 मार्च 2025 चैत्र माह का पन्द्रहवां दिन है और आज इस पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष तिथि द्वितीया और तृतीया है। आज का दिन बेहद ही खास रहने वाला है क्योंकि आज चैत्र नवरात्रि का दूसरा और तीसरा दिन एक साथ है।
हर साल चैत्र और शारदीय नवरात्रि में भक्तगण मां दुर्गा की उपासना करते हैं। इन नौ दिनों के दौरान मां के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है और विशेष मंत्रों का जाप किया जाता है।
भक्त वत्सल इस लेख के माध्यम से आपको बता रहा है कि चैत्र नवरात्रि के दौरान यदि घर में सही दिशा में मां दुर्गा की पूजा-अर्चना और विशेष उपाय किए जाएं तो नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और वास्तु दोष समाप्त हो सकता है
नवरात्रि वर्ष में चार बार मनाई जाती है—चैत्र, आषाढ़, अश्विन और पौष माह में. इनका संबंध केवल देवी उपासना से नहीं बल्कि ऋतु परिवर्तन, ऊर्जा संतुलन और साधना के विशेष काल से भी है.