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जय जयकार माता की (Jai Jaikaar Karo Mata Ki)

जय जयकार माता की (Jai Jaikaar Karo Mata Ki)

जय जयकार माता की,

आओ शरण भवानी की

एक बार फिर प्रेम से बोलो

जय दुर्गा महारानी की

जय दुर्गा महारानी की


पहली देवी शैलपुत्री है किये बैल की सवारी

चंद्रमा माथे पर सोहे

सुन्दर रूप मनोहारी

सुन्दर रूप मनोहारी

लिए कमण्डल फूल कमल के

और रुद्राक्षो की माला

हुई दूसरी ब्रह्मचारिणी

करे जगत में उजियाला

करे जगत में उजियाला


पूर्ण चंद्रमा सी निर्मल

देवि चंद्रघंटा माता

इनके सुमिरण से निर्बल भी

बैरी पर है जय पता

बैरी पर है जय पता


जय जयकार माता की,

आओ शरण भवानी की

एक बार फिर प्रेम से बोलो

जय दुर्गा महारानी की

जय दुर्गा महारानी की


चौथी देवी कूष्मांडा है इनकी लीला है न्यारी

अमृत भरा कलश है कर में

किये बाघ की सवारी

किये बाघ की सवारी

कर में कमल सिंख परसिहासन


सब का शुभ करने वाली

मंगलमयी स्कन्दमाता माता है

जग का दुःख हरने वाली

जग का दुःख हरने वाली


मुनि कात्यानी की ये कन्या

है सबकी कत्यानी माँ

दानवता की शत्रु और

मानवता की सुखदायिनी माँ

मानवता की सुखदायिनी माँ


जय जयकार माता की,

आओ शरण भवानी की

एक बार फिर प्रेम से बोलो

जय दुर्गा महारानी की

जय दुर्गा महारानी की


यही कालरात्रि देवी है महाप्रलय ढाने वाली

सब प्राणी के खाने वाले

कल को भी खाने वाली

कल को भी खाने वाली

श्वेत बैल है वाहन जिनका

तन पर स्वेताम्बर भाता

यही महागौरी देवी है

सबकी जगदम्बा माता

सबकी जगदम्बा माता


शंख-चक्र और गदा पदम्

कर में धारण करने वाली

यही सिद्धिदात्री माता है

रिद्धि सिद्धि देने वाली

रिद्धि सिद्धि देने वाली


जय जयकार माता की,

आओ शरण भवानी की

एक बार फिर प्रेम से बोलो

जय दुर्गा महारानी की

जय दुर्गा महारानी की

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परीक्षा सफलता पूजा विधि

हिंदू संस्कृति में मनुष्य के जीवन के अलग अलग पड़ावों को संस्कारों के साथ पवित्र बनाया जाता है। इन्हीं में से एक महत्वपूर्ण संस्कार है विद्यारंभ संस्कार । यह संस्कार बच्चों के जीवन में शिक्षा की शुरुआत का प्रतीक है।

संगीत प्रारंभ पूजा विधि

भारतीय परंपरा में संगीत को आध्यात्मिक और मानसिक उन्नति का साधन माना जाता है। इसलिए जब कोई व्यक्ति संगीत सीखने की शुरुआत करता है, तब वो एक संगीत प्रारंभ पूजा करता है।

कला साधना पूजा विधि

कला को साधना कहा जाता है , क्योंकि यह केवल मनोरंजन नहीं बल्कि आत्मा की एक गहरी यात्रा होती है। चाहे वह संगीत, नृत्य, चित्रकला, मूर्तिकला, नाटक या किसी अन्य रूप में हो।

नौकरी प्राप्ति पूजा विधि

भारत देश में बेरोजगारी बड़ी समस्या है। इसका कारण नौकरियों का न होना है। इसी कारण से आज के समय में एक अच्छी नौकरी पाना बहुत से लोगों की जरूरत है। सभी अपने घर का पालन पोषण करने के लिए नौकरी की तलाश में हैं।

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