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झूम उठा दिल देख नजारा, उस सालासर धाम का(Jhoom Utha Dil Dekho Nazara Us Salasar Dham Ka)

झूम उठा दिल देख नजारा, उस सालासर धाम का(Jhoom Utha Dil Dekho Nazara Us Salasar Dham Ka)
झूम उठा दिल देख नजारा,
उस सालासर धाम का,
झंडा श्री राम का,
डंका हनुमान का,
झंडा श्री राम का,
डंका हनुमान का ॥


मंदिर आलिशान है,
मंदिर में हनुमान है,
शीश झुकाकर भक्त सभी,
कहते जय श्री राम है,
आ गए आंसू देख के ऐसा,
आ गए आंसू देख के ऐसा,
रिश्ता भक्त भगवान का,
झंडा श्री राम का,
डंका हनुमान का ॥


मुख से जय श्री राम कहो,
हनुमान खुश होते है,
जय जय जय हनुमान कहो,
श्री राम खुश होते है,
हनुमान सा भक्त नहीं है,
हनुमान सा भक्त नहीं है,
कहना वेद पुराण का,
झंडा श्री राम का,
डंका हनुमान का ॥


दुनिया वालो राम की,
भक्ति में सब झूमो ना,
सच्चे इस दरबार में,
चरणों को तुम चूमो ना,
आ गए आंसू देख के ऐसा,
आ गए आंसू देख के ऐसा,
रिश्ता भक्त भगवान का,
झंडा श्री राम का,
डंका हनुमान का ॥


झूम उठा दिल देख नजारा,
उस सालासर धाम का,
झंडा श्री राम का,
डंका हनुमान का,
झंडा श्री राम का,
डंका हनुमान का ॥
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मई 2025 व्रत-त्योहार

मई के महीने में प्रकृति अपने चरम पर होती है। पेड़-पौधों पर नए पत्ते आते हैं, फूल खिलते हैं और हर तरफ हरियाली दिखाई देती है। यह समय प्रकृति की सुंदरता को निहारने और उसकी सुंदरता का आनंद लेने का है।

चंद्र दर्शन का धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व

हर महीने अमावस्या के बाद जब पहली बार रात को आसमान में चंद्रमा दिखाई देता है, तो उस पल को चंद्र दर्शन कहा जाता है।

चंद्र दर्शन पूजा विधि

ज्योतिष शास्त्रों में चंद्रमा को शांति, सौम्यता, मानसिक संतुलन और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, चंद्र देव की पूजा भक्तों के जीवन में शांति, समृद्धि और सौभाग्य लाता है।

वैशाख मास की अमावस्या पर क्या न करें

भारतीय संस्कृति में अमावस्या तिथि का हमेशा से विशेष महत्व रहा है। खासकर वैशाख मास की अमावस्या, जिसे 'वैशाख अमावस्या' कहा जाता है। यह तिथि धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ मानी जाती है।

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