Logo

Mann Mein Basakar Teri Murti (मन में बसाकर तेरी मूर्ति)

Mann Mein Basakar Teri Murti (मन में बसाकर तेरी मूर्ति)

मन में बसाकर तेरी मूर्ति,

उतारू में गिरधर तेरी आरती ॥


मन में बसाकर तेरी मूर्ति,

उतारू में गिरधर तेरी आरती ॥


करुणा करो कष्ट हरो ज्ञान दो भगवन,

भव में फसी नाव मेरी तार दो भगवन,

करुणा करो कष्ट हरो ज्ञान दो भगवन,

भव में फसी नाव मेरी तार दो भगवन,

दर्द की दवा तुम्हरे पास है,

जिंदगी दया की है भीख मांगती ।

मन में बसाकर तेरी मूर्ति,

उतारू में गिरधर तेरी आरती ॥


मांगु तुझसे क्या में यही सोचु भगवन,

जिंदगी जब तेरे नाम करदी अर्पण,

मांगु तुझसे क्या में यही सोचु भगवन,

जिंदगी जब तेरे नाम करदी अर्पण,

सब कुछ तेरा कुछ नहीं मेरा,

चिंता है तुझको प्रभु संसार की ।

मन में बसाकर तेरी मूर्ति,

उतारू में गिरधर तेरी आरती ॥


वेद तेरी महिमा गाये संत करे ध्यान,

नारद गुणगान करे छेड़े वीणा तान,

वेद तेरी महिमा गाये संत करे ध्यान,

नारद गुणगान करे छेड़े वीणा तान,

भक्त तेरे द्वार करते है पुकार,

दास अनिरुद्ध तेरी गाये आरती ।

मन में बसाकर तेरी मूर्ति,

उतारू में गिरधर तेरी आरती ॥


मन में बसाकर तेरी मूर्ति,

उतारू में गिरधर तेरी आरती ॥

मन में बसाकर तेरी मूर्ति,

उतारू में गिरधर तेरी आरती ॥


........................................................................................................
परमेश्वर स्तुति स्तोत्रम् (Parameshvar Stuti Stotram)

त्वमेकः शुद्धोऽसि त्वयि निगमबाह्या मलमयं

श्री विष्णु दशावतार स्तोत्रम् (Shri Vishnu Dashavatar Stotram)

प्रलयपयोधिजले धृतवानसि वेदम्।

नारायण कवच (Narayana Kavach)

ॐ हरिर्विदध्यान्मम सर्वरक्षां न्यस्ताङ्घ्रिपद्मः पतगेन्द्रपृष्ठे।

गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र (Gajendr Moksh Stotr )

एवं व्यवसितो बुद्ध्या समाधाय मनो हृदि।

यह भी जाने

संबंधित लेख

HomeAartiAartiTempleTempleKundliKundliPanchangPanchang