नवीनतम लेख
शंभू ये तेरी माया,
कहीं है धूप कहीं है छाया,
खुद तूने विष पिया,
औरो को अमृत पिलाया,
तेरे जैसा योगी,
ना मिला है ना पाया,
सांसें तब तक चलेगी,
जब तक रहेगा तेरा साया,
शम्भु ये तेरी माया,
कहीं है धूप कहीं है छाया ॥
तू अघोरी भस्म सनी तेरी काया,
त्रिशूल उठा के तांडव,
जब डमरू डमडमाया,
कांपी ये धरती जग घबराया,
अंबर थर थराया,
शम्भु ये तेरी माया,
कहीं है धूप कहीं है छाय ॥
औरो को दौलत बांटे,
खुद से दूर मोह माया,
सांसो में योगी,
योगी में संसार समाया,
शम्भु ये तेरी माया,
कहीं है धूप कहीं है छाया ॥
शंभू ये तेरी माया,
कहीं है धूप कहीं है छाया,
खुद तूने विष पिया,
औरो को अमृत पिलाया,
तेरे जैसा योगी,
ना मिला है ना पाया,
सांसें तब तक चलेगी,
जब तक रहेगा तेरा साया,
शम्भु ये तेरी माया,
कहीं है धूप कहीं है छाया ॥
'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।