शक्ति माता हे महाशक्ति,
ये सच्चा अवतार है,
भोरासा की पावन भूमि,
पर इनका दरबार है,
माँ के रूप में पालन करती,
सबकी पालनहार है
सच्चा दरबार है झुकता संसार है ॥
शक्ति माता ममतामई,
जगदंबा रूप भवानी है,
इनके चरणों से हम सब की,
प्रीत बहुत ही पुरानी है,
अंबर के तारों से ज्यादा,
इस माँ के उपकार है,
सच्चा दरबार है झुकता संसार है ॥
उलझन बनकर वक्त का पहिया,
राह में जब-जब रुक जाता,
मां की दुआओं की शक्ति से,
वो फिर आगे बढ़ जाता,
रक्षा करती सदा हमारी,
मैया का आभार है,
सच्चा दरबार है झुकता संसार है ॥
ऊंच-नीच का भेद मिटाती,
मां सबको ही प्यार करें,
ताल की पाल पर बैठी मैया,
‘मंत्री’ का उद्धार करें,
महका भोले भवरनाथ से,
सारा घर संसार है,
सच्चा दरबार है झुकता संसार है ॥
शक्ति माता हे महाशक्ति,
ये सच्चा अवतार है,
भोरासा की पावन भूमि,
पर इनका दरबार है,
माँ के रूप में पालन करती,
सबकी पालनहार है
सच्चा दरबार है झुकता संसार है ॥
प्रणम्य शिरसा देवंगौरीपुत्रं विनायकम्।
भक्तावासं स्मेरनित्यमाय्ःकामार्थसिद्धये॥
जेतुं यस्त्रिपुरं हरेणहरिणा व्याजाद्बलिं बध्नता
स्रष्टुं वारिभवोद्भवेनभुवनं शेषेण धर्तुं धराम्।
ॐ भद्रं कर्णेभिः शृणुयामदेवाः भद्रं पश्येमाक्षभिर्यजत्राः।
स्थिरैरङ्गैस्तुष्टुवाꣳ सस्तनूभिःव्यशेम देवहितं यदायुः॥
शिवहरे शिवराम सखे प्रभो,त्रिविधताप-निवारण हे विभो।
अज जनेश्वर यादव पाहि मां,शिव हरे विजयं कुरू मे वरम्॥