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मत रोवै ए धौली धौली गाँ (Mat Rove Aie Dholi Dholi Gay)

मत रोवै ए धौली धौली गाँ (Mat Rove Aie Dholi Dholi Gay)

मत रोवे ऐ धौली धौली गाय,

दुनियाँ में अड़े कोई ना सुखी,

मत रोवे ऐ धौली धौली गाय,

दुनियाँ में अड़े कोई ना सुखी,

मैं तो एकली खड़ी बण में,

आज मेरा कोई नहीं धणी,

दुनियाँ में अड़े कोई ना सुखी ।


मैं तो वृन्दावन में जाया करती,

मैं तो हरी हरी दूब चरा करती,

मैं तो जमुना का नीर पिया करती,

मैं तो बंसरी की धुन सुण के,

खूब उगाळा करती ।


मत रोवे ऐ धौली धौली गाय,

दुनियाँ में अड़े कोई ना सुखी ।


मैं तो नन्द गाँव में जाया करती,

मेरा राधा दूध निकाला करती,

मैं छह सर दूध दिया करती,

वा राधा खीर बनाया करती,

वा ते सबते पहले हे,

मैंने ही चखाया करती ।


मत रोवे ऐ धौली धौली गाय,

दुनियाँ में अड़े कोई ना सुखी ।


मैं तो नन्द गाँव में जाया करती,

हुड़े दूध गुजरी बिलोया करती,

हुड़े कृष्ण भोग लगाया करता,

वो तो सबते पहल्या हे,

मैंने ही जिमाया करता ।


मत रोवे ऐ धौली धौली गाय,

दुनियाँ में अड़े कोई ना सुखी ।


मैं तो वृन्दावन में जाया करती,

हुड़े कृष्ण रास रचाया करता,

हुड़े राधा रानी नाच्या करती,

मैं तो बंसरी की धुन सुनकर,

नाच दिखाया करती ।


मत रोवे ऐ धौली धौली गाय,

दुनियाँ में अड़े कोई ना सुखी ।


मैं तो चंद्रभान की चेली सूं,

बिना डर के फिरूं अकेली सूं,

कदे आवे कृष्ण काला,

देखू मैं तो बाट खड़ी ।


मत रोवे ऐ धौली धौली गाय,

दुनियाँ में अड़े कोई ना सुखी ।


मैं तो एकली खड़ी बण में,

आज मेरा कोई नहीं धणी,

मैं तो एकली खड़ी बण में,

आज मेरा कोई नहीं धणी,

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बुध गोचर 2025 का इन राशियों पर होगा प्रभाव

नव वर्ष यानी साल 2025 कई राशियों के जातकों के लिए बेहद शुभ होने वाला है। न्याय के देवता शनिदेव और देवगुरु बृहस्पति के राशि परिवर्तन से जहां कई राशि के जातकों को लाभ होगा।

कौन होते हैं प्रयाग के नागा साधु

गंगा के किनारे, सूरज की पहली किरणों के साथ, धुंधली सुबह में एक दृश्य उभरता है। यह किसी भी सामान्य दिन से बिल्कुल अलग प्रतीत होता है। राख में लिपटे नग्न शरीर, जटाजूट और आंखों में एक अनोखी चमक। यह दृश्य महाकुंभ मेले की भव्यता को दर्शाता है। नागा साधुओं के चार प्रकारों में से ही एक प्रयाग के नागा साधु होते हैं।

मंगल गोचर 2025का इन राशियों पर होगा प्रभाव

हिंदू धर्म में मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित होता है। इस दिन रामजी के साथ हनुमान जी की भी पूजा की जाती है। साथ ही मंगल देव की उपासना की जाती है। मंगल ग्रह ऊर्जा के कारक हैं। इन्हें ग्रहों का सेनापति भी कहा जाता है।

खूनी नागा कौन होते हैं

जो लोग अखाड़ों के बारे में नहीं जानते, उन्हें यह जानकर हैरानी हो सकती है कि नागा साधु कई प्रकार के होते हैं। खूनी नागा, खिचड़िया नागा, बर्फानी नागा और नागा। नागाओं को लेकर तमाम तरह की कहानियां भी प्रचलित हैं, जो श्रद्धालुओं को काफ़ी हैरान करते हैं।

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