मेरे बालाजी महाराज,
जयकारा गूंजे गली गली,
जयकारा गूंजे गली गली,
जयकारा गूंजे गली गली,
मेरे बालाजीं महाराज,
जयकारा गूंजे गली गली ॥
दरबार लगे प्यारा प्यारा,
तू है भक्तो का रखवाला,
तेरे चरणों में संसार,
जयकारा गूंजे गली गली,
मेरे बालाजीं महाराज,
जयकारा गूंजे गली गली ॥
घट घट वासी अंतर्यामी,
बलवीर सकल जग के स्वामी,
श्री राम के पहरेदार,
जयकारा गूंजे गली गली,
मेरे बालाजीं महाराज,
जयकारा गूंजे गली गली ॥
जब नाम कान से सुन पावे,
नहीं भूत पिशाच निकट आवे,
दे दे सोटो की मार,
जयकारा गूंजे गली गली,
मेरे बालाजीं महाराज,
जयकारा गूंजे गली गली ॥
तुम ज्ञान वान बलधारी हो,
सदा दीन दुखी हितकारी हो,
शिव शंकर के अवतार,
जयकारा गूंजे गली गली,
मेरे बालाजीं महाराज,
जयकारा गूंजे गली गली ॥
मेरे बालाजी महाराज,
जयकारा गूंजे गली गली,
जयकारा गूंजे गली गली,
जयकारा गूंजे गली गली,
मेरे बालाजीं महाराज,
जयकारा गूंजे गली गली ॥
सनातन हिंदू धर्म में नवरात्रि के पर्व को नारी शक्ति और देवी दुर्गा का प्रतीक माना जाता है। यह त्योहार देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा को समर्पित है।
विनायक चतुर्थी भगवान गणेश जी को समर्पित है। यह प्रत्येक महीने शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही सभी दुखों का नाश होता है।
माघ शुक्ल की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का उत्सव मनाया जाता है। सनातन धर्म के लोगों के लिए ये दिन बहुत खास होता है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस दिन ज्ञान की देवी सरस्वती प्रकट हुई थीं। इसलिए इस दिन माता सरस्वती की पूजा की जाती है।
बसंत पंचमी का त्योहार जो कि हर साल माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। जो इस साल 2 फरवरी 2025 को मनाया जाएगा। यह त्योहार सनातन धर्म में विशेष महत्व रखता है।