Logo

मेरे घनश्याम से तुम मिला दो (Mere Ghanshyam Se Tum Mila Do)

मेरे घनश्याम से तुम मिला दो (Mere Ghanshyam Se Tum Mila Do)

मेरे घनश्याम से तुम मिला दो,

मैं हूँ उनका यार पुराना,

उनसे बिछड़े हुआ जमाना,

याद मुझे उनकी आयी है,

अखियाँ मेरी भर आयी है,

मैं तो आया हूँ इस दर पे,

मिला दो मिला दो,

अरे द्वारपालों,

मेरे घनश्याम से तुम मिला दों ॥


नाम मेरा बता दो,

हाल सारा सुना दो,

उनसे कहदो के द्वारे,

सुदामा खड़ा,

इतने में वो तो जान ही लेंगे,

बस मुझको पहचान ही लेंगे,

मैं तो आया हूँ इस दर पे,

मिला दो मिला दो,

अरे द्वारपालों,

मेरे घनश्याम से तुम मिला दों ॥


जाके प्रभु को बताया,

हाल सारा सुनाया,

प्रभु द्वारे पे मिलने,

सुदामा खड़ा,

है वो सूरत से भोला,

मुझसे हक से वो बोला,

वो बताता है नाता,

पुराना बडा,

इतनी सुनकर प्रभु उठ भागे,

नंगे पैरों दौड़न लागे,

मेरा आया है आज यार,

मिला दो मिला दो,

अरे द्वारपालों,

मेरे बालसखा से मिला दो ॥


दुर्दशा जो सुदामा की,

देखे कन्हैया,

तो आंखों से अश्रु,

बरसने लगे,

बिठा अपनी गद्दी पे,

ढाढस बँधाया,

और हाथो से चरणों को,

धोने लगे,

इतने दिन तू क्यों दुख पाया,

क्या तुझको मैं याद ना आया,

तूने दुखाया दिल यार,

लगाले लगाले लगाले सुदामा,

अपने सीने से मुझको लगा ले ॥


मैं हूँ उनका यार पुराना,

उनसे बिछड़े हुआ जमाना,

याद मुझे उनकी आयी है,

अखियाँ मेरी भर आयी है,

मैं तो आया हूँ इस दर पे,

मिला दो मिला दो,

अरे द्वारपालों,

मेरे घनश्याम से तुम मिला दो,

मेरे घनश्याम से तुम मिला दो ॥

........................................................................................................
धैर्य लक्ष्मी की महिमा

धैर्य लक्ष्मी को अष्टलक्ष्मी में पांचवां स्थान मिला है। धैर्य लक्ष्मी की आराधना से हमें धन और जीवन प्रबंधन में मदद मिलती है।

धान्य लक्ष्मी की महिमा

धान्य लक्ष्मी, मां लक्ष्मी का तीसरा रूप हैं जिसे मां अन्नपूर्णा के रूप में भी पूजा गया है। धान्य का अर्थ है अनाज या अन्न। ऐसे में लक्ष्मी इस स्वरूप में अन्न या अनाज के रूप में वास करती हैं।

वीर लक्ष्मी की महिमा

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार अष्ट लक्ष्मी में वीर लक्ष्मी वीरता और साहस की देवी हैं। जो दुश्मनों पर विजय दिलाने में सहायक हैं। वीर लक्ष्मी की प्रचलित पौराणिक कथा महाभारत काल से जुड़ी हुई है।

अष्टलक्ष्मी की पूजा से लाभ

भारतीय सनातन संस्कृति में आरंभ से ही स्त्री को पूज्य व जननी माना गया है। स्त्री धन-धान्य, समृद्धि, विद्या, बुद्धि और शक्ति के स्वरूप में हमारे शास्त्रों में भी विद्यमान हैं।

यह भी जाने

संबंधित लेख

HomeAartiAartiTempleTempleKundliKundliPanchangPanchang