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प्रेम हो तो श्री हरि का प्रेम होना चाहिए (Prem Ho to Shri Hari Ka Prem Hona Chahiye)

प्रेम हो तो श्री हरि का प्रेम होना चाहिए (Prem Ho to Shri Hari Ka Prem Hona Chahiye)

प्रेम हो तो श्री हरि का प्रेम होना चाहिए

जो बने विषयों के प्रेमी उनको रोना चाहिए


मखमली गद्दे पे सोये ऐश और आराम से

मखमली गद्दे पे सोये ऐश और आराम से

वास्ते परलोक के भी कुछ तो बिछौना चाहिए


प्रेम हो तो श्री हरि का प्रेम होना चाहिए

जो बने विषयों का भोगी उनको रोना चाहिए


बीज बोकर बाग़ के फल खाये है तुमने अगर

बीज बोकर बाग़ के फल खाये है तुमने अगर

वास्ते परलोक के भी कुछ तो बोना चाहिए


प्रेम हो तो श्री हरि का प्रेम होना चाहिए

जो बने विषयों का भोगी उनको रोना चाहिए


दिन बिताया अगर तुम ऐश और आराम में

दिन बिताया अगर तुम ऐश और आराम में

रात में सुमरन हरि का कर के सोना चाहिए


प्रेम हो तो श्री हरि का प्रेम होना चाहिए

जो बने विषयों का भोगी उनको रोना चाहिए


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सूर्य मंत्र

ॐ सूर्याय नमः
ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकरः

सूर्य प्रार्थना

प्रातः स्मरामि खलु तत्सवितुर्वरेण्यं रूपं हि मंडलमृचोऽथ तनुर्यजूंषि।
सामानि यस्य किरणाः प्रभवादिहेतुं ब्रह्माहरात्मकमलक्ष्यमचिन्त्यरूपम् ॥

छठ पूजा ध्यान मंत्र (Chhath Puja Dhyan Mantra)

षष्ठांशां प्रकृते: शुद्धां सुप्रतिष्ठाण्च सुव्रताम्।
सुपुत्रदां च शुभदां दयारूपां जगत्प्रसूम्।।

छठ मंत्र (Chhath Mantra)

ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।।

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