राजा राम आइये, प्रभु राम आइये, मेरे भोजन का, भोग लगाइये( Raja Ram Aaiye Mere Bhojan Ka Bhog Lagaiye)

राजा राम आइये,

प्रभु राम आइये,

मेरे भोजन का,

भोग लगाइये ॥


आचमनी अर्घा आरती,

यही यहाँ मेहमानी,

रुखी रोटी पाओ प्रेम से,

पियो नदी का पानी,

राजा राम आइयें,

प्रभु राम आइये,

मेरे भोजन का,

भोग लगाइये ॥


भूल करोगे यदि तज दोगे,

भोजन रुखे सुखे,

एकादशी आज मन्दिर में,

बैठे रहोगे भूखे,

राजा राम आइयें,

प्रभु राम आइये,

मेरे भोजन का,

भोग लगाइये ॥


राजा राम आइये,

प्रभु राम आइये,

मेरे भोजन का,

भोग लगाइये ॥

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परशुराम ने क्यों किया था अपनी मां का वध

भगवान परशुराम, जिन्हें भगवान विष्णु के छठे अवतार के रूप में पूजा जाता है, वह पौराणिक कथाओं में एक अत्यंत महत्वपूर्ण और अत्यधिक चर्चित व्यक्ति हैं।

नरसिंह द्वादशी व्रत विधि

नरसिंह द्वादशी सनातनियों का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो भगवान विष्णु के अवतार नरसिंह को समर्पित है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, अपने प्रिय भक्त प्रहलाद की रक्षा करने के लिए भगवान विष्णु ने रौद्र रूप में अवतार लिया था, जिन्हें लोग आज नरसिंह भगवान के रूप में पूजते हैं।

शुक्रदेव की पूजा कैसे करें?

हिंदू धर्म में शुक्र देवता को भौतिक सुख-सुविधाओं का देवता कहा जाता है। इतना ही नहीं, शुक्रदेव को सौंदर्य और आकर्षण का देवता भी माना जाता है। लोग उनकी कृपा पाने के लिए पूजा करते हैं ताकि वे सुंदर और आकर्षक बन सकें।

प्रदोष व्रत की कथा (Pradosh Vrat Ki Katha )

प्राचीनकाल में एक गरीब पुजारी हुआ करता था। उस पुजारी की मृत्यु के बाद उसकी विधवा पत्नी अपने भरण-पोषण के लिए पुत्र को साथ लेकर भीख मांगती हुई शाम तक घर वापस आती थी।

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