Logo

शिव उठत, शिव चलत, शिव शाम-भोर है। (Shiv Uthat Shiv Chalat Shiv Sham Bhor Hai)

शिव उठत, शिव चलत, शिव शाम-भोर है। (Shiv Uthat Shiv Chalat Shiv Sham Bhor Hai)

शिव उठत, शिव चलत, शिव शाम-भोर है।

शिव बुद्धि, शिव चित्त, शिव मन विभोर है॥ ॐ ॐ ॐ...


शिव रात्रि, शिव दिवस, शिव स्वप्न-शयन है।

शिव काल, शिव कला, शिव मास-अयन है॥ ॐ ॐ ॐ...


शिव शब्द, शिव अर्थ, शिवहि परमार्थ है।

शिव कर्म, शिव भाग्य, शिवहि पुरुषार्थ है॥ ॐ ॐ ॐ...


शिव स्नेह, शिव राग, शिवहि अनुराग है।

शिव कली, शिव कुसुम, शिवहि पराग है॥ ॐ ॐ ॐ...


शिव भोग, शिव त्याग, शिव तत्व-ज्ञान है।

शिव भक्ति, शिव प्रेम, शिवहि विज्ञान है॥ ॐ ॐ ॐ...


शिव स्वर्ग, शिव मोक्ष, शिव परम साध्य है।

शिव जीव, शिव ब्रह्म, शिवहि आराध्य है॥ ॐ ॐ ॐ...

........................................................................................................
शेरावाली की जय बोलो (Sherowali Ki Jai Bolo)

मेरी मैया शेरोवाली है,
करे भक्तो की रखवाली है,

क्षिप्रा के तट बैठे है, मेरे भोले भंडारी (Shipra Ke Tat Baithe Hai Mere Bhole Bhandari)

क्षिप्रा के तट बैठे है,
मेरे भोले भंडारी,

शिव अद्भुत रूप बनाए (Shiv Adbhut Roop Banaye)

शिव अद्भुत रूप बनाए,
जब ब्याह रचाने आए ॥

राम राज फिर से आयील बा (Ram Raj Fir Se Aayil Ba)

कब से लागल आस पुराइल,
सब जन के मनवा हरसाइल

यह भी जाने

संबंधित लेख

HomeAartiAartiTempleTempleKundliKundliPanchangPanchang