Logo

सिंघ सवारी महिमा भारी: भजन (Singh Sawari Mahima Bhari)

सिंघ सवारी महिमा भारी: भजन (Singh Sawari Mahima Bhari)

सिंघ सवारी महिमा भारी,

पहाड़ों में अस्थान तेरा,

ब्रम्हा विष्णु शिव शंकर भी,

करते माँ गुणगान तेरा ॥


कोलकत्ता में काली से,

तेरे मंदिर नगर नगर में,

तेरा भरे नवरात में मेला,

तेरी पूजा हो घर घर में,

धोलागढ़ और गुड़गामे में,

भक्त धरते ध्यान तेरा,

ब्रम्हा विष्णु शिव शंकर भी,

करते माँ गुणगान तेरा ॥


तने शुम्भ निशुम्भ है संहारे,

और रक्त बीज है मारे,

तने अपणे भक्त उबारे,

तेरे गूंज रहे जयकारे,

द्वारपाल से भैरो जी,

और सेवक से हनुमान तेरा,

ब्रम्हा विष्णु शिव शंकर भी,

करते माँ गुणगान तेरा ॥


कभी बण के दुर्गा आई,

शिव की शक्ति कहलाई,

माँ बणकै द्रोपती चंडी,

कौरव सेना खपवाई,

माँ पांचो पांडव शीश झुका के,

किया मात सन्मान तेरा,

ब्रम्हा विष्णु शिव शंकर भी,

करते माँ गुणगान तेरा ॥


जो तेरा ध्यान लगावे,

माँ मन इक्छा फल पावे,

तेरा ‘राजपाल’ डोडी पे,

माँ बैठ तेरा गुणगान करे,

यो ‘लख्खा’ भेंटे गावे,

गुण गाते है वेद पुराण तेरा,

ब्रम्हा विष्णु शिव शंकर भी,

करते माँ गुणगान तेरा ॥


सिंघ सवारी महिमा भारी,

पहाड़ों में अस्थान तेरा,

ब्रम्हा विष्णु शिव शंकर भी,

करते माँ गुणगान तेरा ॥


........................................................................................................
यह भी जाने

संबंधित लेख

HomeBook PoojaBook PoojaTempleTempleKundliKundliPanchangPanchang