Logo

तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे(Tera Kisne Kiya Shringar Sanware)

तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे(Tera Kisne Kiya Shringar Sanware)

तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे,

तू लगे दूल्हा सा दिलदार सांवरे ।

तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे,

तू लगे दूल्हा सा दिलदार सांवरे ।

मस्तक पर मलियागिरी चन्दन,

केसर तिलक लगाया ।


मोर मुकुट कानो में कुण्डल,

इत्र खूब बरसाया ।

महकता रहे यह दरबार सांवरे,

तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे ॥


बागो से कलियाँ चुन चुन कर,

सुन्दर हार बनाया ।

रहे सलामत हाथ सदा वो,

जिसने तुझे सजाया ।

सजाता रहे वो हर बार सांवरे

तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे ॥


बोल सांवरे बोल तुम्हे मैं,

कौन सा भजन सुनाऊँ ।

ऐसा कोई राग बतादे,

तू नाचे मैं गाऊं ।

नचाता रहूँ मैं, हर बार सांवरे,

तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे ॥


तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे,

तू लगे दूल्हा सा दिलदार सांवरे ।

तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे,

तू लगे दूल्हा सा दिलदार सांवरे ।

........................................................................................................
सूर्य मंत्र

ॐ सूर्याय नमः
ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकरः

सूर्य प्रार्थना

प्रातः स्मरामि खलु तत्सवितुर्वरेण्यं रूपं हि मंडलमृचोऽथ तनुर्यजूंषि।
सामानि यस्य किरणाः प्रभवादिहेतुं ब्रह्माहरात्मकमलक्ष्यमचिन्त्यरूपम् ॥

छठ पूजा ध्यान मंत्र (Chhath Puja Dhyan Mantra)

षष्ठांशां प्रकृते: शुद्धां सुप्रतिष्ठाण्च सुव्रताम्।
सुपुत्रदां च शुभदां दयारूपां जगत्प्रसूम्।।

छठ मंत्र (Chhath Mantra)

ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।।

यह भी जाने

संबंधित लेख

HomeAartiAartiTempleTempleKundliKundliPanchangPanchang