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नरसिंह जयंती भगवान विष्णु के चौथे अवतार, नरसिंह भगवान के प्राकट्य दिवस के रूप में मनाई जाती है। यह पर्व वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को आता है। धार्मिक ग्रन्थों के अनुसार, नरसिंह रूप में भगवान विष्णु ने आधे नर और आधे सिंह का रूप धारण कर अधर्म का नाश किया था। इस दिन भगवान नरसिंह ने अपने भक्त प्रह्लाद की रक्षा के लिए हिरण्यकश्यप का वध किया था। इसी कारण से इस दिन व्रत एवं विधिपूर्वक पूजा करने से सभी दुखों और भय का अंत होता है।
पूजा के समय भगवान नरसिंह के मंत्रों का जाप करना अत्यंत फलदायी माना जाता है। इसलिए मंत्रों का जाप कम से कम 11, 21 या 108 बार करें। इन मंत्रों से व्यक्ति के मन में साहस और ऊर्जा का संचार होता है और शत्रुओं तथा बाधाओं का नाश होता है।
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