Logo

विकट संकष्टी व्रत विधि

विकट संकष्टी व्रत विधि

Sankashti Chaturthi Vrat Vidhi: विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत की विधि, इससे जीवन के सभी संकट कट जाते हैं

विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत के दिन भक्त भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करते है तथा उपवास रखते है। ऐसा कहा जाता है की यह व्रत करने से जीवन की बाधाओं और परेशानियों से मुक्ति मिलती है। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है, जो भक्तों के जीवन से विघ्न-बाधाएं हर लेते हैं और सुख-समृद्धि का मंगल आशीर्वाद देते हैं। 

भगवान गणेश को लगाएं तिलकुट का भोग

  • सुबह जल्दी उठें, स्नान करें और साफ कपड़े पहनें। फिर भगवान गणेश का ध्यान करते हुए विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत का संकल्प लें।
  • पूजा स्थान को साफ करें और पूजा की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं। 
  • गणेश जी की मूर्ति या फोटो को चौकी पर स्थापित करें और भगवान गणेश को हरे रंग के वस्त्र पहनाएं फिर घी का दीपक जलाएं।
  • भगवान गणेश को दूर्वा, फूल, फल, मोदक और अन्य प्रिय भोग जैसे बेसन के लड्डू अर्पित करें। साथ ही, तिलकुट का भोग विशेष रूप से लगाएं।
  • संकष्टी चतुर्थी की कथा का पाठ करें। फिर गणेश जी की आरती करें और भजन-कीर्तन गाएं।
  • रात में चंद्रोदय होने पर चंद्रमा को दूध, जल, और अक्षत मिलाकर अर्घ्य देना शुभ माना जाता है। 
  • चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद फलाहार या सात्विक भोजन से व्रत का पारण करें।

कार्यों में आने वाली रुकावट होती हैं समाप्त 

भगवान गणेश को विघ्नहर्ता माना जाता है, जो सभी प्रकार की बाधाओं को दूर करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत करने से कार्यो में आने वाली रुकावटें समाप्त होती हैं और भगवान गणेश से मनचाहा आशीर्वाद प्राप्त होता है। ऐसा कहा जाता है कि यह व्रत श्रद्धा और भक्ति से करने पर विशेष फल की भी प्राप्ति होती है क्योंकि इस व्रत से घर में शांति और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

विकट संकष्टी चतुर्थी पर इन बातों का भी रखें खास ध्यान 

  • धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान गणेश की पूजा में तुलसी पत्र का प्रयोग वर्जित होता है। 
  • साथ ही, विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत के दौरान केवल फलाहार करें और प्याज, लहसुन, मांस-मदिरा का सेवन भूलकर भी न करें। 
  • इस दिन विशेष रूप से जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र और धन का दान करें।
........................................................................................................
HomeBook PoojaBook PoojaChadhavaChadhavaKundliKundliPanchangPanchang