वट सावित्री पूजा सामग्री

Vat Savitri Vrat Puja Samagri: वट सावित्री की पूजा इन सामग्रियों के बिना है अधूरी, जानिए संपूर्ण पूजा सामग्री की सूची 


वट सावित्री व्रत हिंदू धर्म में विशेष रूप से विवाहित महिलाओं द्वारा किया जाने वाला महत्वपूर्ण व्रत है। यह व्रत महाभारत काल की कथा 'सावित्री और सत्यवान' से जुड़ा हुआ है, जिसमें सावित्री ने अपने तप, भक्ति और बुद्धि से यमराज से अपने पति सत्यवान के प्राण वापस लिए थे। इस दिन महिलाएं वट ‘बरगद’ वृक्ष की पूजा करती हैं और व्रत कथा का श्रवण कर अपने पति की लंबी उम्र, स्वास्थ्य और सौभाग्य की कामना करती हैं। इस वर्ष यह 26 मई, सोमवार को मनाया जाएगा। 

वट सावित्री पूजा में करें मौसमी फल और लाल-पीले फूलों का प्रयोग 

इस व्रत की पूजा विधिपूर्वक संपन्न करने के लिए कुछ विशेष सामग्रियों की आवश्यकता होती है:

  • वट वृक्ष की टहनी या पौधा का धार्मिक महत्व अत्यंत है।
  • सावित्री और सत्यवान की तस्वीरें।
  • कलावा ‘मौली’ वट वृक्ष को चारों ओर से लपेटने के लिए।
  • लाल अक्षत ‘चावल’
  • मौसमी फल जैसे कि आम, लीची, केला, तरबूज।
  • मिठाई प्रसाद के लिए।
  • धूप और दीपक पूजा के दौरान जलाए जाने के लिए।
  • भीगा हुआ चना, जो कथा के बाद प्रसाद रूप में वितरित किया जाता है।
  • बांस का पंखा।
  • लाल-पीले फूल पूजा में अर्पित करने के लिए।
  • सिंदूर, रोली और हल्दी।

जरूरतमंदों को करें अन्न, वस्त्र तथा फल का दान 

  • ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें।
  • लाल या पीले रंग के वस्त्र पहनें और सोलह श्रृंगार करें।
  • मन में व्रत रखने का संकल्प लें।
  • वट वृक्ष के नीचे सावित्री-सत्यवान की तस्वीर स्थापित करें।
  • वट वृक्ष को जल, रोली, चावल, फूल, फल, मिठाई आदि अर्पित करें।
  • कलावा वट वृक्ष के चारों ओर लपेटें और कम से कम सात बार परिक्रमा करें।
  • सावित्री-सत्यवान की कथा पढ़ें या सुनें।
  • दीपक और धूप से वट वृक्ष की आरती करें।
  • भीगा हुआ चना और वस्त्र अपनी सास को भेंट करें और ज़रूरतमंदों को अन्न, वस्त्र तथा फल का दान करें।
  • अगले दिन व्रत का पारणा करें और पति का आशीर्वाद लें।
  • इस व्रत में निर्जल व्रत रखने की मान्यता है, लेकिन आवश्यकता अनुसार फलाहार किया जा सकता है।

........................................................................................................
श्री खाटु श्याम चालीसा (Shri Khatu Shyam Chalisa)

श्री गुरु चरणन ध्यान धर, सुमीर सच्चिदानंद ।
श्याम चालीसा भजत हूँ, रच चौपाई छंद ।

राम नाम को रटने वाले जरा सामने आओ(Ram Naam Ko Ratne Wale Jara Samne Aao)

राम नाम को रटने वाले
जरा सामने आओ तुम,

मेरे बालाजी सरकार, के तो रंग निराले (Mere Balaji Sarkar Ke To Rang Nirale Hai)

मेरे बालाजी सरकार,
के तो रंग निराले,

सालासर वाले तुम्हें, आज हम मनाएंगे (Salasar Wale Tumhe Aaj Hum Manayenge)

सालासर वाले तुम्हें,
आज हम मनाएंगे,

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।