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घर बैठे कर सकते हैं पिंडदान

घर बैठे भी कर सकते हैं पिंडदान, जानिए क्या है ऑनलाइन श्राद्ध का आसान तरीका


पितृपक्ष 2024 के अवसर पर, यदि आप किसी कारणवश गया नहीं जा पा रहे हैं, तो अब घर बैठे पिंडदान करने की सुविधा उपलब्ध है। दरअसल, बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम ने इस बार ऑनलाइन पिंडदान की व्यवस्था शुरू की है, जिससे आप अपने पितरों के लिए श्राद्ध कर्म और तर्पण सीधे अपने घर से ही कर सकते हैं। यह सुविधा उन लोगों के लिए है जो पितृपक्ष के दौरान गया जाने में असमर्थ हैं, लेकिन अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए अनुष्ठान करना चाहते हैं।


ऑनलाइन पिंडदान कैसे करें?


पिंडदान के लिए बुकिंग प्रक्रिया बेहद सरल है। आपको केवल बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना है  https://pitrapakshagaya.in/Book-E-Package.htm इस वेबसाइट पर आपको विभिन्न ऑनलाइन पिंडदान पैकेज मिलेंगे, जिन्हें आप अपनी सुविधानुसार चुन सकते हैं। 

ये है बुकिंग की प्रक्रिया

1. वेबसाइट पर जाएं: वेबसाइट पर जाकर अपने पितरों के नाम और गोत्र की जानकारी भरें।


2. पैकेज का चयन करें: विभिन्न पैकेजों में से उपयुक्त पैकेज का चयन करें, जिसमें पूजा सामग्री, पंडित की सेवाएं, और अन्य संबंधित सेवाएं शामिल हैं।


3. भुगतान करें: बुकिंग के लिए आवश्यक शुल्क का भुगतान करें। 


4. अनुष्ठान का विवरण प्राप्त करें: पिंडदान और तर्पण की प्रक्रिया के बाद, आपको वीडियो और चित्रों के माध्यम से अनुष्ठान की जानकारी मिलेगी।


क्या है शुल्क और पैकेज? 


बता दें कि ई-पिंडदान के लिए कुल 23 हजार रुपये का शुल्क निर्धारित किया गया है। इसमें 21,500 रुपये मूल शुल्क होता है, जबकि 1,429 रुपये सेवा शुल्क और 71 रुपये GST शामिल होते हैं। इस शुल्क में निम्नलिखित सेवाएं शामिल हैं:


1.पंडित की सेवाएं: पूजा और तर्पण विधि के लिए पंडित की सेवाएं।


2. पूजा सामग्री: आवश्यक पूजन सामग्री का प्रबंध।


3. गयापाल पुरोहित की सेवाएं: विशेष कर्मकांड और पिंडदान के लिए सेवाएं।


4. वीडियो और चित्र: पिंडदान की प्रक्रिया के वीडियो और चित्र, जो पेन ड्राइव में उपलब्ध कराए जाएंगे।



विशेष पैकेज का लाभ. 


अगर आप व्यक्तिगत रूप से गया नहीं जा सकते हैं, तो विशेष ऑनलाइन पिंडदान पैकेज का लाभ उठाकर आप घर बैठे ही यह पवित्र कार्य कर सकते हैं। इस पैकेज के अंतर्गत विष्णुपद मंदिर में पूजा, अक्षयवट और मोक्षदायिनी फल्गु नदी के किनारे पिंडदान की पूरी प्रक्रिया विधि विधान के साथ की जाती है। 


ऑनलाइन तर्पण की भी सुविधा


जान लें कि अब केवल गयाजी में ही नहीं, बल्कि विभिन्न पवित्र नदियों में भी पितरों के लिए तर्पण किया जा सकता है। इससे आपको न केवल पितरों की आत्मा की शांति मिलेगी, बल्कि आप विभिन्न नदियों में भी अपने पितरों के लिए तर्पण कर सकते हैं। 


क्यों है यह सुविधा महत्वपूर्ण?


यह ऑनलाइन सेवा उन लोगों के लिए वरदान साबित हो सकती है जो किसी कारणवश पितृपक्ष के दौरान गया नहीं जा सकते। इसे डिजिटल युग में एक सकारात्मक कदम के रूप में देखा जा सकता है, जो लोगों को अपनी धार्मिक जिम्मेदारियों को निभाने में सहायता प्रदान करता है वो भी बिना भौतिक रूप से यात्रा किए। तो इस पितृपक्ष में, अपने पितरों के लिए घर बैठे पिंडदान और तर्पण कराएं और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति की कामना करें। यह सुविधा न केवल आपके समय की बचत करती है, बल्कि आपको धार्मिक कर्तव्यों को निभाने में भी मदद करती है।


डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

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