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हमें गुरुदेव तेरा सहारा न मिलता (Hame Gurudev Tera Sahara Na Milata)

हमें गुरुदेव तेरा सहारा न मिलता (Hame Gurudev Tera Sahara Na Milata)

हमें गुरुदेव तेरा सहारा न मिलता ।

ये जीवन हमारा दुबारा न खिलता ॥


साँसों की सरगम मध्यम हुई थी ।

जीने की आशा भी धूमिल हुई थी ।


तेरे नाम का जो सहारा न मिलता ।

ये जीवन हमारा दुबारा न खिलता ॥


रिश्तों की चौखट पे ठोकर है खाई ।

अपने परायों की समझ भी न आई ।


सच्चा जो तेरा रिश्ता न मिलता ।

ये जीवन हमारा दुबारा न खिलता ॥


किस्मत की मौजों ने कश्ती डुबोयी ।

जब सब लुटा तो तेरी याद आई ।


अगर मेरी किश्ती को सहारा न मिलता ।

ये जीवन हमारा दुबारा न खिलता ॥

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जय जय जय प्रभु रामदे, नमो नमो हरबार।
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अतीत प्राचीन काल की बात है। एक बार पाण्डु पुत्र अर्जुन तब करने के लिए नीलगिरि पर्वत पर चले गए थे।

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