न मैं धान धरती न धन चाहता हूँ ।
कृपा का तेरी एक कण चाहता हूँ ॥
रहे नाम तेरा वो चाहूं मैं रसना ।
सुने यश तेरा वह श्रवण चाहता हूँ ॥
न मैं धान धरती न धन चाहता हूँ ।
कृपा का तेरी एक कण चाहता हूँ ॥
विमल ज्ञान धारा से मस्तिष्क उर्बर ।
व श्रद्धा से भरपूर मन चाहता हूँ ॥
न मैं धान धरती न धन चाहता हूँ ।
कृपा का तेरी एक कण चाहता हूँ ॥
करे दिव्य दर्शन तेरा जो निरन्तर ।
वही भाग्यशाली नयन चाहता हूँ ॥
न मैं धान धरती न धन चाहता हूँ ।
कृपा का तेरी एक कण चाहता हूँ ॥
नहीं चाहता है मुझे स्वर्ग छवि की ।
मैं केवल तुम्हें प्राण धन ! चाहता हूँ ॥
न मैं धान धरती न धन चाहता हूँ ।
कृपा का तेरी एक कण चाहता हूँ ॥
प्रकाश आत्मा में अलौकिक तेरा है ।
परम ज्योति प्रत्येक क्षण चाहता हूँ ॥
न मैं धान धरती न धन चाहता हूँ ।
कृपा का तेरी एक कण चाहता हूँ ॥
दर्श करा दे मेरे सांवरे,
म्हारे नैना हुए बावरे,
सनातन में पुष्कर स्नान का अत्यधिक धार्मिक महत्व है। पुष्कर सरोवर को प्रमुख धार्मिक स्थानों में से एक माना जाता है
वैकुंठ चतुर्दशी के दिन मणिकर्णिका घाट पर स्नान करने से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही भगवान शिव व विष्णु की कृपा भी प्राप्त होती है। 14 नवंबर को मणिकर्णिका स्नान का विधान है।
धार्मिक मान्यता के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन गंगा स्नान करने और उचित दान-पुण्य करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष का मार्ग भी प्रशस्त होता है।