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हरि हरि हरि सुमिरन करो (Hari Hari Hari Sumiran Karo)

हरि हरि हरि सुमिरन करो (Hari Hari Hari Sumiran Karo)

हरि हरि, हरि हरि, सुमिरन करो,

हरि चरणारविन्द उर धरो


हरे राम हरे राम रामा रामा हरे हरे

हरे कृष्णा करे कृष्णा कृष्णा कृष्णा हरे हरे


हरि की कथा होये जब जहाँ,

गंगा हू चलि आवे तहाँ

हरि हरि, हरि हरि, सुमिरन करो


यमुना सिंधु सरस्वती आवे,

गोदावरी विलम्ब न लावे .


सर्व तीर्थ को वासा वहां,

सूर हरि कथा होवे जहाँ

हरि हरि, हरि हरि, सुमिरन करो

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घर पर कैसे करें पितरों की पूजा

आश्विन मास के कृष्ण पक्ष में मनाए जाने वाले श्राद्ध को पितृ पक्ष कहते हैं। इस दौरान पूर्वजों का श्राद्ध उनकी तिथि के अनुसार श्रद्धा भाव से विधि-विधानपूर्वक किया जाता है।

शबरी जयंती पर इन चीजों का लगाएं भोग

सनातन धर्म में फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि पर शबरी जयंती मनाई जाती है। इस दिन व्रत और पूजन का विधान है। इस दिन भगवान राम के साथ माता शबरी का पूजन किया जाता है।

भगवान राम और माता शबरी की भेंट

माता शबरी रामायण की एक महत्वपूर्ण पात्र हैं, जिन्होंने भगवान राम की भक्ति में अपना जीवन समर्पित किया था। शबरी ने भगवान राम और माता सीता की प्रतीक्षा में वर्षों तक वन में निवास किया था।

दशहरा-विजयादशमी की पौराणिक कथा

शारदीय नवरात्र के बाद 10वें दिन दशहरे का त्योहार देश भर में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी को माता दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था और भगवान श्रीराम ने रावण का वध किया था।

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