हो होली खेलत आज युगल जोड़ी
होली खेलत आज युगल जोड़ी, होली खेलत
आ मारे रसिया, हो मारे रसिया
हो बारे रसिया, ओ मारे रसिया
हो होली खेलत आज युगल जोड़ी
होली खेलत आज युगल जोड़ी, होली खेलत
उड़त गुलाल चाउ दिस छाए,
समझ परे न कोई होली, होली खेलत
हो होली खेलत आज युगल जोड़ी
होली खेलत आज युगल जोड़ी, होली खेलत
आ मारे रसिया, हो मारे रसिया
हो होली खेलत आज युगल जोड़ी
होली खेलत आज युगल जोड़ी, होली खेलत
बाल गोपाल, लाल सब हर्षित
डालत रंग उमगो की होली, होली खेलत
हो होली खेलत आज युगल जोड़ी
होली खेलत आज युगल जोड़ी, होली खेलत
आ मारे रसिया, हो मारे रसिया
हो होली खेलत आज युगल जोड़ी
होली खेलत आज युगल जोड़ी, होली खेलत
लड़पत गिरत उठत मुख चूमत
करात फारस पर झकजोरी होली, होली खेलत
हो होली खेलत आज युगल जोड़ी
होली खेलत आज युगल जोड़ी, होली खेलत
आ मारे रसिया, हो मारे रसिया
हो होली खेलत आज युगल जोड़ी
होली खेलत आज युगल जोड़ी, होली खेलत
सूर-श्याम प्रभु/सब तुमरे दर्श की
वणनी न जाये छवि होली, होली खेलत
हो होली खेलत आज युगल जोड़ी
होली खेलत आज युगल जोड़ी, होली खेलत
आ मारे रसिया, हो मारे रसिया
हो होली खेलत आज युगल जोड़ी
होली खेलत आज युगल जोड़ी, होली खेलत
और गोपी कहती...
होली में तभाई मच गई,
होली में तभाई मच गई,
तभाई मच गई, तभाई मच गई
होली में तभाई मच गई,
होली में तभाई मच गई,
होरी होरी कैसी होरी,
रंग बिरंगी होली
बहुत दिनों से होली होली
रंगो में रच जाएगी,
रंगो में रच जाएगी
हो हो हो हो..
होली में तभाई मच गई,
होली में तभाई मच गई,
तभाई मच गई, तभाई मच गई
होली में तभाई मच गई,
होली में तभाई मच गई,
उड़े गुलाल चले पिचकारी,
चीख मची है प्यारी
होली में हुड़दंग मची,
कैसे तू बच जाएगी
कैसे तू बच जाएगी
हो हो हो हो..
होली में तभाई मच गई,
होली में तभाई मच गई,
तभाई मच गई, तभाई मच गई
होली में तभाई मच गई,
होली में तभाई मच गई,
बोलये होली के रसिया की जय !!
इतनी कथा सुन महाराज युधिष्ठिर ने कहा- भगवन्! आपको कोटिशः धन्यवाद है जो आपने हमें ऐसी सर्वोत्तम व्रत की कथा सुनाई।
भगवान् कृष्ण ने कहा- हे पाण्डुनन्दन ! अब मैं तुम्हें बरूथिनी एकादशी व्रत का माहात्म्य सुनाता हूँ सुनिये।
भगवान् कृष्ण के मुखरबिन्द से इतनी कथा सुनकर पाण्डुनन्दन महाराज युधिष्ठिर ने उनसे कहा - हे भगवन् ! आपकी अमृतमय वाणी से इस कथा को सुना परन्तु हृदय की जिज्ञासा नष्ट होने के बजाय और भी प्रबल हो गई है।
इतनी कथा सुनने के बाद महाराज युधिष्ठिर ने पुनः भगवान् कृष्ण से हाथ जोड़कर कहा-हे मधुसूदन । अब आप कृपा कर मुझ ज्येष्ठ मास कृष्ण एकादशी का नाम और मोहात्म्य सुनाइये क्योंकि मेरी उसको सुनने की महान् अच्छा है।