जिस ओर नजर फेरूं दादी, चहुँ ओर नजारा तेरा है(Jis Aur Nazar Ferun Dadi Chahun Aur Nazara Tera Hai)

जिस ओर नजर फेरूं दादी,

चहुँ ओर नजारा तेरा है,

सतियों में तू सिरमौर है माँ,

साँचा ये द्वारा तेरा है,

जिस ओर नजर फेरूँ दादी,

चहुँ ओर नजारा तेरा है ॥


तू मेरी है मैं तेरी हूँ,

तू चंदा है मैं चकोरी हूँ,

तेरे होते ही रोशन दादी,

किस्मत का सितारा मेरा है,

जिस ओर नजर फेरूँ दादी,

चहुँ ओर नजारा तेरा है ॥


मैं तेरा ध्यान लगाती हूँ,

माँ पास तुझे मैं पाती हूँ,

दुनिया की ना दरकार मुझे,

बस एक सहारा तेरा है,

जिस ओर नजर फेरूँ दादी,

चहुँ ओर नजारा तेरा है ॥


तू हाथ पकड़ के चलती है,

तुझसे ही मेरी हस्ती है,

नैया की खेवनहार तू ही,

तू ही तो किनारा मेरा है,

जिस ओर नजर फेरूँ दादी,

चहुँ ओर नजारा तेरा है ॥


मेरी डोर तुम्हारे हाथों में,

‘स्वाति’ की बसी हो सांसो में,

कहे ‘हर्ष’ वही मुड़ जाती हूँ,

जिसे जगत ईशारा तेरा है,

जिस ओर नजर फेरूँ दादी,

चहुँ ओर नजारा तेरा है ॥


जिस ओर नजर फेरूं दादी,

चहुँ ओर नजारा तेरा है,

सतियों में तू सिरमौर है माँ,

साँचा ये द्वारा तेरा है,

जिस ओर नजर फेरूँ दादी,

चहुँ ओर नजारा तेरा है ॥

........................................................................................................
शिव पूजा विधि

सर्वप्रथम पहले की तरह आचमन कर पवित्री धारण करे। अपने ऊपर और पूजा-सामग्री पर जल का प्रोक्षण करे।

रमा एकादशी व्रत कथा (Rama Ekadashi Vrat Katha)

एक समय महाराज युधिष्ठिर ने कहा- “हे जनार्दन मुझपर कृपा करके बताइये कि कार्तिक कृष्ण पक्ष में कौन सी एकादशी होती है? भगवान् श्रीकृष्ण ने कहा “हे राजन् ! कार्तिक मास के कृष्णपक्ष में जो परम कल्याणमयी एकादशी होती है वह 'रमा' के नाम से जानी जाती है।

श्री विश्वकर्मा चालीसा (Shri Vishwakarma Chalisa)

श्री विश्वकर्म प्रभु वन्दऊं, चरणकमल धरिध्यान।
श्री, शुभ, बल अरु शिल्पगुण, दीजै दया निधान॥

कर किरपा तेरे गुण गावा - शब्द कीर्तन (Kar Kirpa Tere Gun Gaawa)

कर किरपा तेरे गुण गाँवा,
नानक नाम जपत सुख पाँवा,

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।