मेरे सरकार का,
दीदार बड़ा प्यारा है ।
कृष्ण मेरा प्यारा,
गोविन्द बड़ा प्यारा है ॥
तेरे नैना कटीले,
मोटे मोटे रसीले ।
दिल को छीन लिया,
तेरी प्यारी हँसी ने ।
प्यारी अंखियों में लगा,
कजरा बड़ा प्यारा है ।
कृष्ण मेरा प्यारा,
गोविन्द बड़ा प्यारा है ॥
मेरे सरकार का,
दीदार बड़ा प्यारा है ।
कृष्ण मेरा प्यारा,
गोविन्द बड़ा प्यारा है ॥
लटों ने लूट लिया,
जिगर घायल ये किया ।
तेरी प्यारी अदा ने,
मुझे बेचैन किया ।
मेरे सीने में तेरा,
दर्द बड़ा प्यारा है ।
कृष्ण मेरा प्यारा,
गोविन्द बड़ा प्यारा है ॥
मेरे सरकार का,
दीदार बड़ा प्यारा है ।
कृष्ण मेरा प्यारा,
गोविन्द बड़ा प्यारा है ॥
ओ मेरे श्याम पिया,
तेरे बिन तड़पे जिया ।
प्रेम तुम से ही किया,
तूने क्या जादू किया ।
तेरी यादों में थिरके,
अंग मेरा सारा है ।
कृष्ण मेरा प्यारा,
गोविन्द बड़ा प्यारा है ॥
मेरे सरकार का,
दीदार बड़ा प्यारा है ।
कृष्ण मेरा प्यारा,
गोविन्द बड़ा प्यारा है ।
कृष्ण मेरा प्यारा,
गोविन्द बड़ा प्यारा है ।
कृष्ण मेरा प्यारा,
गोविन्द बड़ा प्यारा है ॥
शनि त्रयोदशी का पर्व शनि देव की पूजा और उनके आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए बेहद खास होता है। इस दिन सही तरीके से पूजा करने और खास भोग अर्पित करने से शनि ग्रह के दुष्प्रभावों से मुक्ति मिल सकती है।
सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान शंकर की पूजा की जाती है। कहा जाता है कि इस व्रत को रखने से घर में खुशहाली आती है। साथ ही सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है।
हर माह के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है, जो भगवान शिव की पूजा को समर्पित होता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार प्रदोष व्रत कन्याओं के लिए बेहद खास होता है, इस दिन भोलेनाथ की उपासना करने और व्रत रखने से मनचाहा वर पाने की कामना पूरी होती हैं।
सनातन धर्म में प्रदोष व्रत बेहद फलदायी माना जाता है। इसका इंतजार शिव भक्तों को बेसब्री से रहता है। ऐसी मान्यता है कि इस तिथि पर शिव पूजन करने और उपवास रखने से भगवान शंकर का आशीर्वाद प्राप्त होता है।