राधे झूलन पधारो झुकी आए बदरा(Radhe Jhulan Padharo Jhuk Aaye Badra)

राधे झूलन पधारो झुकी आए बदरा,

झुक आये बदरा झुकी आये बदरा,

राधे झूलन पधारो झुकी आये बदरा,

झुक आये बदरा झुकी आये बदरा,

साजो सकल श्रृंगार नैना सारो कजरा ॥


ऐसो मान ना कीजे हठ तजिए अली,

ऐसो मान ना कीजे हठ तजिए अली,

राधे झूलन पधारो झुकी आये बदरा,

झुक आये बदरा झुकी आये बदरा ॥


तू तो परम सयानी हो वृषभान की लली,

तू तो परम सयानी हो वृषभान की लली,

राधे झूलन पधारो झुकी आये बदरा,

झुक आये बदरा झुकी आये बदरा ॥


तेरो रसिक प्रीतम मग जोवत खड़ो,

तेरो रसिक प्रीतम मग जोवत खड़ो,

राधे झूलन पधारो झुकी आये बदरा,

झुक आये बदरा झुकी आये बदरा ॥


राधे दोऊ कर जोड़े तेरे चरण पड्यो,

राधे दोऊ कर जोड़े तेरे चरण पड्यो,

राधे झूलन पधारो झुकी आये बदरा,

झुक आये बदरा झुकी आये बदरा ॥


राधे झूलन पधारो झुकी आए बदरा,

झुक आये बदरा झुकी आये बदरा,

प्यारी झूलन पधारो झुकी आये बदरा,

झुक आये बदरा झुकी आये बदरा,

साजो सकल श्रृंगार नैना सारो कजरा ॥


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दादी के दरबार की, महिमा अपरम्पार (Dadi Ke Darbar Ki Mahima Aprampaar)

दादी के दरबार की,
महिमा अपरम्पार,

आरती भगवान गिरिधारी जी की ( Aarti Bhagwan Giridhari Ji Ki)

जय श्री कृष्ण हरे, प्रभु जय जय गिरधारी।
दानव-दल बलिहारी, गो-द्विज हित कारी॥

किस दिन है चंपा षष्ठी का व्रत

चंपा षष्ठी का पर्व भारत के प्राचीन त्योहारों में से एक है, जो विशेष रूप से भगवान शिव के खंडोबा स्वरूप और भगवान कार्तिकेय की पूजा के लिए समर्पित है। मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को यह व्रत मनाया जाता है।

वैष्णव जन तो तेने कहिये, जे (Vaishnav Jan To Tene Kahiye Je)

वैष्णव जन तो तेने कहिये,
जे पीड परायी जाणे रे ।

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