थोड़ा देता है या ज्यादा देता है,
हमको तो जो कुछ भी देता,
भोला देता है,
थोड़ा देता हैं या ज्यादा देता हैं ॥
हमारे पास जो कुछ भी है,
ईसी की है मेहरबानी,
हमेशा भेजता रहता,
कभी दाना कभी पानी,
थोड़ा देता हैं या ज्यादा देता हैं,
हमको तो जो कुछ भी देता,
भोला देता है,
थोड़ा देता हैं या ज्यादा देता हैं ॥
हमेशा भूखे उठते है,
कभी भूखे नहीं सोते,
भला तकलीफ हो कैसी,
हमारे भोले के होते,
थोड़ा देता हैं या ज्यादा देता हैं,
हमको तो जो कुछ भी देता,
भोला देता है,
थोड़ा देता हैं या ज्यादा देता हैं ॥
दीया जो भोले बाबा ने,
कभी कर्जा नहीं समझा,
दयालु भोले ने हमको,
हमेशा अपना ही समझा,
थोड़ा देता हैं या ज्यादा देता हैं,
हमको तो जो कुछ भी देता,
भोला देता है,
थोड़ा देता हैं या ज्यादा देता हैं ॥
हमने ‘बनवारी’ हरदम ही,
बड़े अधिकार से मांगा,
खुशी से इसने दे डाला,
जो भी दातार से मांगा,
थोड़ा देता हैं या ज्यादा देता हैं,
हमको तो जो कुछ भी देता,
भोला देता है,
थोड़ा देता हैं या ज्यादा देता हैं ॥
थोड़ा देता है या ज्यादा देता है,
हमको तो जो कुछ भी देता,
भोला देता है,
थोड़ा देता हैं या ज्यादा देता हैं ॥
हिंदू धर्म में पूजा-पाठ का विशेष महत्व है। हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, किसी भी पूजा का समापन आरती और मंत्र जाप के साथ ही करना चाहिए। क्योंकि इसके बिना पूजा अधूरा माना जाता है।
हिंदू धर्म में शनिवार का दिन न्याय के देवता शनिदेव को समर्पित है। साथ ही, जीवन में चल रही परेशानियों और ग्रह दोषों को दूर करने के लिए इस दिन व्रत भी रखा जाता है।
हिंदू धर्म में रविवार का दिन भगवान सूर्यदेव को प्रिय है। ज्योतिष शास्त्र में सूर्य देव को सभी ग्रहों का राजा कहा जाता है। सूर्यदेव की पूजा जातक के लिए बेहद फलदायी साबित होती है।
वैकासी विसाकम, जिसे विशाखा नक्षत्र के नाम से भी जाना जाता है, 2025 में 9 जून, सोमवार को मनाया जाएगा। यह तिथि तमिल पंचांग के अनुसार वैकासी मास के दौरान आती है जब चंद्रमा विशाखा नक्षत्र में स्थित होता है।